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इस साल लगातार चौथी बार घटाई ब्याज दरें

locationजयपुरPublished: Oct 04, 2019 08:47:45 pm

मुंबई। रिजर्व बैंक ( rbi ) ने त्योहारी सीजन ( festive season ) में घर ( Home ) और कार ( car ) खरीदने वालों को तोहफा देते हुए रेपो दर ( repo rate ) में 25 आधार अंक की कटौती किए जाने का ऐलान किया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटकर 5.15 फीसदी पर आ गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में लगातार चौथी बार और कुल पांचवी बार रेपो रेट में कटौती का तोहफा दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में इस साल अब तक 1.35 फीसदी की कटौती कर दी है।

इस साल लगातार चौथी बार घटाई ब्याज दरें

इस साल लगातार चौथी बार घटाई ब्याज दरें

इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर में भी बदलाव कर इसे 4.90 प्रतिशत किया गया है। रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक के बाद शुक्रवार को घोषित ऋण एवं मौदिक नीति में रेपो दर को 25 आधार अंक घटाकर 5.40 प्रतिशत से 5.15 प्रतिशत कर दिया है। रेपो दर की यह दर पिछले साढ़े नौ वर्ष के बाद की सबसे कम है। रेपो दर का यह स्तर मार्च 2010 के बाद सबसे कम है। रिवर्स रेपो दर में भी बदलाव कर इसे 4.90 प्रतिशत किया गया है, जबकि बैंक दर 5.40 प्रतिशत की गई है। रेपो दर में कमी से घर और कार ऋण सस्ते हो जाएंगे। रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवीं मर्तबा नीतिगत दरों में बदलाव किया है। पांच बार में रेपो दर में कुल 135 आधार अंक की कटौती की जा चुकी है। रेपो दर वह है, जिसमें बैंक अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेता है। बैंकों को इस ऋण पर ब्याज देना पड़ता है, जिसे रेपो दर कहा जाता है। नीति में चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) का अनुमान घटाकर कर 6.1 प्रतिशत किया गया है। पहले यह अनुमान 6.9 प्रतिशत लगाया गया था। आगामी वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को भी संशोधित कर 7.2 प्रतिशत किया गया है।
रेपो रेट का उतार-चढ़ाव
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2000 में अगस्त माह में आरबीआई का रेपो रेट 14.50 फीसदी था, जो कि अब तक का सबसे ऊंचा रेट है। 2000 से 2019 तक रेपो रेट का औसत 6.63 फीसदी रहा है। अप्रेल 2009 में रेपो रेट अब तक का सबसे कम 4.25 फीसदी था। रिवर्स रेपो रेट भी अगस्त 2000 में 13.50 फीसदी के साथ सबसे ऊपर और 3.25 फीसदी के साथ अप्रेल 2009 में सबसे निचले स्तर पर था।
विकास दर में गिरावट
गौरतलब है कि जून में समाप्त हुई तिमाही में देश की विकास दर 5 फीसदी पर पहुंच गई थी। यह पिछले 6 सालों के न्यूनतम स्तर की दर है। आरबीआई ने भी देश की विकास दर के पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की थी, जिनमें बैंकों का मर्जर, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, एफडीआई को लेकर नए नियम और हाउसिंग सेक्टर को लेकर कई एलान प्रमुख रहे।
यूं होगी ईएमआई कम
अगर आपने 30 लाख का होम लोन 20 साल के लिए लिया है, तो ब्याज दर घटने के बाद आपकी ईएमआई मौजूदा 26,129.71 रुपए से घटकर 25,656 रुपए रह जाएगी और आपका कुल ब्याज 1,13,624 रुपए घट जाएगा।
माइक्रो फाइनेंस की सीमा 25 हजार बढ़ाई
रिजर्व बैंक ने सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिए कर्ज देने की सीमा मौजूदा एक लाख रुपए से 25 हजार बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए कर दिया। आरबीआई के इस कदम से ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में कर्ज की उपलब्धता बढ़ेगी। रिजर्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) या एमएफआई से लोन लेने वाले कर्जदारों के लिए घरेलू आय की पात्रता सीमा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मौजूदा एक लाख से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपए और शहरी एवं कस्बाई इलाकों के लिए 1.25 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रपए कर दिया है। आरबीआई ने कहा कि इस बारे में जल्द विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

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