जयपुर

पढऩा लिखना अभियान:4 लाख 20 हजार निरक्षरों को किया जाएगा साक्षर

प्रदेश में जल्द शुरू होगा पढऩा लिखना अभियानसरकार ने की तैयारी4 लाख 20 हजार लोगों को किया जाएगा साक्षर15 साल से अधिक आयु वर्ग के निरक्षर जुड़ेगे अभियान सेएक साल में 15 करोड़ रुपए होंगे खर्चमहिलाओं को दी जाएगी प्राथमिकताअगले सप्ताह से अभियान शुरू होने की संभावनाग्राम पंचायत स्तर पर दस निरक्षरों को साक्षर करने का जिम्मा एक स्वयंसेवक को

जयपुरDec 07, 2020 / 12:07 am

Rakhi Hajela

पढऩा लिखना अभियान:4 लाख 20 हजार निरक्षरों को किया जाएगा साक्षर

प्रदेश के 4 लाख से अधिक निरक्षरों को अक्षर ज्ञान से जोडऩे के लिए अब जल्द ही प्रदेश में पढऩा लिखना अभियान की शुरुआत की जाएगी। अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को जोड़ा जाएगा। इस अभियान में मुख्य रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समूहों को शामिल किया गया है। योजना में उन जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां नई जनगणना के मुताबिक महिला साक्षरता दर 60 प्रतिशत से कम होगी। सरकारी स्कूलों के पीईईओ, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा उन्हें अपने.अपने इलाकों में वयस्क लोगों को साक्षर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर दस निरक्षरों को साक्षर करने का जिम्मा एक स्वयंसेवक को दिया जाएगा। इन स्वयंसेवकों को कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। साक्षरता विभाग की ओर से स्वंयसेवकों को सिर्फ पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। स्वयंसेवकों का चयन राजकीय स्कूलों के पीईईओ की ओर से किया जाएगा।
एक साल में खर्च होंगे 15 करोड़ रुपए
अभियान के तहत प्रदेश में एक लाख पुरुष और तीन लाख 15 हजार महिलाओं को शिक्षा दी जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से चलाये जा रहे इस अभियान में एक साल में 15 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। अभियान के तहत खर्च होने वाली राशि में से 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। अभियान में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के 15 वर्ष से अधिक उम्र के अशिक्षित लोगों को शिक्षित किया जाएगा,जिसके लिए प्रदेश में जिला स्तर पर समितियों का गठन किया जा चुका है। पंचायत और ब्लॉक स्तर पर शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी और स्वयं सेवी शिक्षक सार्वजनिक स्थलों पर पढ़ाने का काम करेंगे। इसमें 120 घंटे के अध्ययन के बाद एनआईओएस से परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी, जो एक साल में 3 बार यह परीक्षा होगी। अभियान के लिए विभाग की ओर से तमाम तैयारियां हो चुकी हैं। हालांकि, पहले चरण में अभियान एक साल के लिए चलाया जा रहा है। यदि अभियान सफल रहा तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
साक्षर भारत अभियान हो चुका है बंद
गौरतलब है कि इस अभियान से पूर्व प्रदेश में साक्षर भर अभियान चलाया जा रहा था लेकिन 31 मार्च 2018 को उसे बंद कर दिया गया। इसके बाद से प्रदेश के निरक्षरों को नई योजना का इंतजार था। अब मानव संसाधन मंत्रालय ने राजस्थान सहित कई राज्यों को इस योजना को शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें वर्ष 2011 की जगणना के आधार पर जारी आंकड़ों के आधार पर निरक्षरों को शामिल किया है।
कहां कितने निरक्षर
जयपुर: 20000
जैसलमेर: 14400
जोधपुर: 12700
सिरोही: 33300
करौली: 30300
बारां:28600
नागौर: 28200
बाड़मेर: 9000
अजमेर: 8000
अलवर: 19300
जालौर: 19200
पाली: 19000
धौलपुर: 16500
उदयपुर: 15000
टोंक: 15000
बांसवाडा: 12600
चित्तौडगढ़: 12300
बीकानेर: 12000
बूंदी: 9900
कोटा: 7900
डूंगरपुर: 7300
श्रीगंगानगर: 7200
हनुमानगढ़: 6600
झालावाड: 6300
सीकर: 6300
प्रतापगढ़: 6300
भीलवाडा: 6300
राजसमंद: 6000
चूरू: 5900
झुंझुनूं: 5800
भतरपुर: 4500
सवाईमाधोपुर: 4100
दौसा: 4000
राजधानी में 20 हजार निरक्षर
साक्षरता विभाग की ओर से जारी की गई सूची के मुताबिक प्रदेश में निरक्षरों की संख्या सबसे अधिक सिरोही में हैं जहां 33000 से अधिक निरक्षर हैं वहीं करौली, बारां, नागौर आदि में भी निरक्षरों की संख्या अधिक ह। चूरू जिले में 5900, झुंझुनूं जिले में 5800 और सीकर जिले में 6300 निरक्षर हैं। राजधानी जयपुर में भी निरक्षरों की संख्या कम नहीं है। यहां इनकी संख्या 20 हजार है।

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