रियल एस्टेट कंपनियों को सबसे ज्यादा धन एनबीएफसी जैसी वित्तीय संस्थानों से आता है। क्रेडाई ने कहा है कि केन्द्रीय बैंक ने संकट के इस दौर में प्रणाली में नकदी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। रिजर्व बैंक ने कर्ज सस्ता करने के लिए रेपो रेट में दो बार कटौती की है। रिवर्स रेपो रेट में भी काफी कमी आई है, लेकिन इसका फायदा किसी को नहीं मिल नहीं रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 83 प्रतिशत रियल एस्टेट कारोबारी इस कारोबार को आगे जारी रखना चाहते हैं न कि इसे बंद करना चाहते हैं। इतना ही नहीं करीब 50 प्रतिशत डेवलपर्स सही कीमत मिलने पर नई प्रॉपर्टी खरीदने और 2021 में रेसिडेंशल प्रॉजेक्ट शुरू करने को तैयार हैं। क्रेडाई-एमसीएचआई के प्रेजिडेंट नयन शाह ने कहा कि यह सर्वे ऐसे अहम मौके पर की गई है जब रियल एस्टेट उद्योग देश के दूसरे अन्य उद्योगों की तरह ही संघर्ष कर रहा है। अधिकांश डेवलपर्स (83 प्रतिशत) मुश्किल समय के बावजूद रियल एस्टेट कारोबार को नहीं छोडऩा चाहते हैं ।