करुणा को मिटाकर ही घर आएंगे
सीकर जिले के सूसोट गांव निवासी संजू कुमारी पिछले 5 साल से एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर की इमरजेंसी मेडिकल आईसीयू में सेवाएं दे रही है। पति जगदीश प्रसाद खीचड़ अध्यापक की तैयारी कर रहे हैं। संजू पिछले 30 दिनों से ही घर नहीं आ पाई है। उनके 3 साल की बेटी तान्वी चौधरी रोज फोन पर एक ही सवाल पूछती है मामा कोरोना कब जाएगा। आप कब आओगी। आपको लेने मैं और पापा जयपुर आ रहे हैं। इस पर संजू कहती है, बेटा आप को पुलिस नहीं आने देगी। हम जल्द कोरोना को मिटाकर ही आएंगे। आप और पापा घर पर ही पढ़ाई करो।
उदयपुर पंचायत समिति में ई-मित्र संचालन करते हुए कंप्यूटर पर काम करने वाले सुनील कुमार इन दिनों लॉकडाउन लागू होने के बाद घर ही बैठकर लोगों की सेवा में लगे हैं। जैसे ही उन्हें मालूम हुआ कि मास्क आसानी से नहीं मिल रहे हैं तो सुनील ने अपने घर पर सिलाई मशीन निकालकर मास्क बनाना शुरू कर दिया। सेवा कार्य अपने छोटे बेटे को भी साथ लिया और अपनी जेब से ही मास्क तैयार कर गांव से ढ़ाणी तक लोगों के पास पहुंचाए। यह कर्मवीर उदयपुर जिले के सलूंबर तहसील के हैं। सलूंबर से करीब 3 किलोमीटर दूर ईसरवास रावान गांव में रहने वाले सुनील कुमार सालवी मास्क बना लोगों के पास पहुंचा रहे हैं। सलूंबर पंचायत समिति में ई-मित्र का संचालन करने वाले सुनील लॉकडाउन के बाद सबकी तरह घर में ही कैद हो गए। उन्होंने पहले तो खाद सामग्री पहुंचाने का सेवा कार्य किया, बाद में मास्क की कालाबाजारी और गांव में मेडिकल की सुविधा नहीं होने से खुद ही कपड़ा लाए और मास्क बनाना शुरू कर दिया।