90 निकायों में चुनावी जंगः बागियों ने बढ़ाई कांग्रेस-भाजपा की टेंशन, मनुहार जारी
-दोनों दलों के नेता अपने-अपने बागियों की मनुहार में जुटे, कांग्रेस नेताओं का दावा, नाम वापसी तक मना लेंगे बागियों को, टिकट नहीं मिलने से दोनों दलों में बागी चुनाव मैदान में उतरे, बागियों को मनाने को लिए राजनीतिक नियुक्तियों का भी प्रस्ताव

जयपुर। प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों में नामांकन की आखिरी दिन टिकट नहीं मिलने नाराज भाजपा-कांग्रेस के संबंध रखने वाले कार्यकर्ताओं ने बागी प्रत्याशियों के तौर पर चुनाव मैदान में उतर दोनों दलों की टेंशन बढ़ा दी है। नामांकन की आखिरी तारीख बीतने के बाद अब दोनों ही दलों के स्थानीय नेताओं ने बागियों को मनाने की कवायद तेज कर दी है।
भाजपा-कांग्रेस के विधायक और संगठन के स्थानीय नेता लगातार अपने-अपने बागियों की मनुहार में जुटे हैं। दोनों दलों के अधिकृत प्रत्याशी भी अपने-अपने स्तर पर बागियों को मनाने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। हालांकि बगावती तेवर अपना चुके कार्यकर्ता मनुहार नहीं मान रहे हैं।
कांग्रेस का दावा 19 जनवरी तक मना लेंगे बागियों को
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बागियों के तीखे तेवर होने के बावजूद कांग्रेस नेताओं का दावा है कि वे 19 जनवरी को नाम वापसी के दिन अपने अधिकांश बागियों को मनाने में कामयाब हो जाएंगे। कांग्रेस के जिला प्रभारी और चुनाव पर्यवेक्षकों के साथ-साथ स्थानीय विधायक और मंत्री भी बागियों को पार्टी हित में अपना नामांकन वापस लेने के लिए लगातार मनुहार कर रहे हैं। हालांकि पार्टी नेताओं को इस बात की भी चिंता है कि अगर बागियों ने नामांकन वापस नहीं लिया तो बागियों के चलते कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों का ऑफर
विश्वस्त सूत्रों की माने तो निकाय चुनाव में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए पार्टी नेता जी-जान से जुटे हैं। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और जिला प्रभारी के साथ ही स्थानीय विधाय़क बागियों को मनाने के लिए जिले के संगठन में महत्वपूर्ण पद देने और आगामी समय में होने वाली जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने का ऑफर दे रहे हैं।
वैसे भी प्रदेश कांग्रेस ने जिला संगठन और जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां जिला प्रभारियों की सिफारिश पर ही करने की बात कही है। ऐसे में बागियों को मनाने का सबसे ज्यादा जिम्मा जिला प्रभारियों को दिया गया है। गौरतलब है कि बगावत के अंदेशे के चलते भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची सार्वजनिक नहीं की थी, जो जिन दावेदारों के नाम फाइनल हुए थे उन्हें फोन के जरिए सूचना देकर नामांकन दाखिल करने को कहा गया था।
3035 वार्डों के लिए 15 हजार से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में
वहीं 90 निकायों के 3035 वार्डों के लिए 15 हजार से ज्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान मैं। कुल 15144 प्रत्याशियों ने 18,527 नामांकन दाखिल किए हैं, हालांकि प्रत्याशियों का फाइल आंकड़ा 19 जनवरी को नाम वापसी के बाद ही साफ हो पाएगा। 90 निकायों 1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका हैं।
इन 20 जिलों के 90 निकायों में चुनाव
प्रदेश के जिन 20 जिलों के 90 निकायों के चुनाव हो रहे हैं, उनमें अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर है।
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