भाजपा ने आम आदमी पार्टी के दो बागी विधायकों को अपने टिकट पर मैदान में उतारा है तो वहीं दो बागी अब कांग्रेस के टिकट पर चुनावी ताल ठोक रहे हैं। AAP के चार बागी विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने उनमें से कपिल मिश्रा को मॉडल टाउन सीट से मैदान में उतारा है। कपिल मिश्रा 2015 में करावल नगर से ‘आप’ के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके अलावा AAP के बागी विधायक अनिल वाजपेयी को भाजपा ने गांधी नगर सीट से उतारा है। आप के देवेंद्र सेहरावत और वेद प्रकाश ने भी भाजपा का दामन थामा है लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया है। वेद प्रकाश विधायक पद से इस्तीफा देकर बवाना सीट पर उपचुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके थे। आप ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया।
भाजपा की तरह ही कांग्रेस ने भी आप के दो बागियों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने AAP की बागी अलका लांबा को चांदनी चौक सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं आदर्श शास्त्री को द्वारका सीट से मैदान में उतारा है। लांबा ने काफी समय से बागी रुख अख्तियार कर रखा था। जबकि आदर्श शास्त्री का टिकट केजरीवाल ने काटकर महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को दिया है। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और अब उसी के टिकट पर आम प्रत्याशी के सामने ताल ठोक रहे हैं।
एनसीपी और बसपा ने दिया आप के बागियों को टिकट
दिल्ली कैंट से AAP विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट कटने पर उन्होंने आप से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का टिकट लेकर चुनावी मैदान में ताल ठोक दी। यह भी बता दें कि आप के संजय सिंह जब डैमेज कन्ट्रोल में जुटे थे, उस समय सुरेंद्र सिंह को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साथ बैठकर संदेश दिया था कि वह नाराज नहीं है। इसी तरह दिल्ली की बदरपुर सीट से विधायक रहे एनडी शर्मा का AAP ने टिकट काटा तो वे बसपा में चले गए। बसपा ने उन्हें बदरपुर सीट से मैदान में उतारा है। एनडी शर्मा ने टिकट कटने पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पर 10 करोड़ रुपए लेकर टिकट बेचने का आरोप भी लगाया था।
दो विधायकों ने निर्दलीय भरा पर्चा हरि नगर सीट से विधायक जगदीप सिंह का टिकट काटकर आम आदमी पार्टी ने वहां राजकुमारी ढिल्लन को मैदान में उतारा तो जगदीप सिंह निर्दलीय पर्चा भर मैदान में उतर गए। ऐसे ही विधायक हाजी मोहम्मद इशराक ने टिकट कटने के बाद निर्दलीय नामांकन करके चुनाव मैदान में डटे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने सत्ता हासिल की थी। 2017 में राजौरी गार्डन सीट से AAP के विधायक जनरैल सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इस सीट पर उपचुनाव हुए तो भाजपा जीत गई। इसके अलावा 5 विधायकों ने बागी रुख अख्तियार कर लिया था, जिनमें से वेद प्रकाश ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी।