scriptदो जीएसटी स्लैब रखने की सिफारिश | Recommendation to have two GST slabs | Patrika News

दो जीएसटी स्लैब रखने की सिफारिश

locationजयपुरPublished: Dec 25, 2019 08:07:41 pm

नई दिल्ली। लंबे समय से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ( GST ) के स्लैब को कम करने की मांग के बीच नीति आयोग ( NITI Aayog ) ने बुधवार को इसके सिर्फ दो स्लैब रखने की सिफारिश की है। आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब रखे जाएं और इनमें बार-बार बदलाव न हो। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ जाए तो जीएसटी दरों में वार्षिक आधार ( annual basis ) पर बदलाव हो सकता है।

दो जीएसटी स्लैब रखने की सिफारिश

दो जीएसटी स्लैब रखने की सिफारिश

मालूम हो कि एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से सभी अप्रत्यक्ष कर इसमें शामिल हो गए हैं। इसके लागू होने के बाद से कई बार जीएसटी की दरों में बदलाव किया गया है। मौजूदा समय से जीएसटी के तहत चार स्लैब 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं। इसके बावजूद कई उत्पाद पर जीएसटी नहीं लगता। इसके अलावा पांच ऐसे उत्पाद हैं जिनपर जीएसटी के अलावा उपकर भी लगता है। रमेश चंद ने कहा कि बड़ा कराधान सुधार लाने पर शुरुआत में समस्या पैदा होती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर देशों में जीएसटी को स्थिर होने में समय लगा। नीति आयोग सदस्य रमेश चंद कृषि क्षेत्र को देखते हैं। उन्होंने जीएसटी की दरों में बार-बार बदलाव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे समस्याएं पैदा होती हैं।
बता दें कि विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी की दर घटाने की मांग बार-बार उठती है, वहीं कर के स्लैब घटाने की बात भी की जाती है। इस बीच चंद ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र की ओर से जीएसटी की दर कम करने की मांग प्रवृत्ति बन कई है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि जीएसटी के मुद्दे दरों को कम करने से कहीं बड़े हैं।Ó नीति आयोग सदस्य ने कहा कि हम बार-बार दरें नहीं बदलनी चाहिए। इसके अलावा हमें अधिक दरें भी नहीं रखनी चाहिए। सिर्फ दो दरें काफी हैं। उन्होंने कहा कि दरों में बदलाव करने की जरूरत है भी, तो यह वार्षिक आधार पर होना चाहिए।
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