दो हजार लगेंगे, फोन कर देंगे, काम हो जाएगा
पत्रिका टीम बदनपुरा में मंगल स्कूल के सामने ई-मित्र केन्द्र पर गई। यहां संचालक से पिता की पेंशन शुरू कराने के लिए कहा। संचालक ने जनाधार कार्ड की मांग की। इसके बाद पेंशन आवेदन के 200 रुपए मांगे। संचालक बोला-दो हजार और दोगे तो बिना झंझट खाते में पेंशन आ जाएगी। तीन से चार दिन प्रक्रिया में लगेंगे। नहीं चक्कर लगाने पड़ेंगे।
पेंशन शुरू नहीं हो तो पैसे वापस ले जाना
पत्रिका : पेंशन शुरू नहीं हो रही हैं, परेशान हो गए
संचालक : पेंशन का आवेदन करने वालों को कहते हुए, इनको भी यही समझा रहा हूं, आसानी से नहीं होगी
पत्रिका : आप हमारा काम कराओ, चक्कर लगाते थक गए।
संचालक : निगम से कलक्ट्रेट तक काम करवाना पड़ता है, 2500 रुपए लगेंगे।
पत्रिका : अगर फिर भी नहीं हुई तो
संचालक : मेरी यही दकान है, वापस पैसे ले जाना
वार्ड नंबर 12 निवासी निर्मला देवी और सागरमल पिछले एक साल से पेंशन के लिए चक्कर लगा रहे हैं। पहले तो जनाधार कार्ड के लिए परेशान हुए। एक साल में जाकर जनाधार कार्ड मिला। अब पेंशन का आवेदन किया तो जारी नहीं हो रही। ई-मित्र संचालक ने दोनों पेंशन के चार हजार रुपए मांगे, लेकिन आवेदक ने नहीं दिए। ऐसे में दोनों बुजुर्गों की पेंशन जारी नहीं हो रही।
55 साल की महिला और 58 साल पुरुष की उम्र होने के बाद सरकार पेंशन शुरू करती है। ई-मित्र पर आवेदन भी नि:शुल्क है। सभी दस्तावेज लगने के बाद नगर निगम के संबंधित जोन में पेंशन की वैरिफाई होने जाती है। यहां से पास होने के बाद कलक्ट्रेट जाती है। निगम की रिपोर्ट पर कलक्ट्रेट से पेंशन पास हो जाती है। पूरी प्रक्रिया में एक महीने तक का समय लगता है।
पेंशन को लेकर बुजुर्गों को परेशानी की शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में हम अपने स्तर पर जांच करवा रहे हैं। डीओआइटी के एसीपी को इसके निर्देश दिए हैं। अगर ई-मित्र संचालक ऐसी वसूली कर रहे हैं तो कार्रवाई होगी।
अंतर सिंह नेहरा, कलक्टर जयपुर