scriptRecovery under the guise of average electricity bill | औसत बिजली बिल की आड़ में कर रहे वसूली | Patrika News

औसत बिजली बिल की आड़ में कर रहे वसूली

locationजयपुरPublished: Jun 27, 2021 11:26:53 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

राजस्थान में 5 से 7 लाख बिजली मीटर बंद

औसत बिजली बिल की आड़ में कर रहे वसूली
औसत बिजली बिल की आड़ में कर रहे वसूली
भवनेश गुप्ता
जयपुर। बिजली मीटर खराब होने, जलने की आड़ में विद्युत उपभोक्ताओं को लगातार प्रोविजनल (औसत) बिल भेजे जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को पता ही नहीं है कि उनका वास्तविक बिजली उपभोग कितना है। इनमें कई मामलों में तो औसत बिल के जरिए ज्यादा रोकड़ वसूली जा रही है। जबकि, एक साल में ऐसे दो से ज्यादा बिल भेजने पर पाबंदी है। ऊर्जा मंत्रालय के इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर्स) रूल्स और राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के सप्लाई कोड में स्पष्ट अंकित है कि एक साल में 2 से ज्यादा प्रोविजनल बिल नहीं भेजे जा सकते हैं। लेकिन इसकी पालना तब हो जब खराब मीटर बदलने का काम पूरा हो। बताया जा रहा है कि राज्य में अभी 5 से 7 लाख उपभोक्ता को प्रोविजनल बिल भेजा जा रहा है।

उपभोक्ता जानें, क्या है उसके अधिकार
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