इसी क्रम में ऊर्जा राज्यमंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत ने भी प्रेसवार्ता आयोजित की। लंबी चली इस प्रेसवार्ता में काफी देर तक मंत्री अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाते रहे। लेकिन पत्रकारों ने जब सवाल पूछे तो कुछ पर चुप्पी साध ली तो कुछ सवालों के गोल-मोल जवाब दिए। यहां तक की शाहपुरा में ट्रांसफार्मर हादसे में मारे गए 21 लोगों के संबंध में बनी जांच कमेटी की रिपोर्ट का अभी तक कोई अता-पता ही नहीं है।
शहर की आवासीय कॉलोनियों से होकर गुजर रही हाईटेंशन बिजली लाइनों से बिजली जनित हादसे होने की बात तो मंत्री ने मानी, लेकिन इसका ठीकरा उन्होंने हाईटेंशन लाइनों के नीचे मकान बनाकर रहने वालों और स्थानीय निकायों के सिर पर फोड़ डाला। उधर, राजधानी के पृथ्वीराज नगर की नॉन अप्रूव्ड कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन के मसले पर भी मंत्री ने चुप्पी साध ली।
प्रेसवार्ता के दौरान मंत्री पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि 1 अप्रेल, 2018 से हर माह उपभोक्ताओं के घर बिजली का बिल पहुंचेगा। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि दो माह का बिल एक साथ आने पर बिल की राशि ज्यादा होती है जो उपभोक्ताओं को भारी लगती है।
मंत्री की हर माह बिजली बिल आने की घोषणा की आम जनता ने भी सराहना की है। साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष में बिजली विभाग में करीब 12 हजार पदों पर भर्ती होगी। जिनमें एईएन, जेईएन, अकांउटेंट, एलडीसी और तकनीकी कर्मचारियों के पद शामिल है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले चार साल में किसानों को बड़ी राशि सब्सिडी की रूप में दी गई है। करीब 12 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा 760 से ज्यादा एईएन, जेईएन 170 अकाउंटेंट और 1300 एलडीसी 9000 से ज्यादा तकनीकी कर्मचारी होंगे भर्ती।