मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना की चिंताजनक स्थिति पर गहन मंथन किया गया। मुख्यमंत्री अब गुरुवार को फिर मंत्री परिषद की बैठक बुला सकते हैं, जिसमें इनके सुझावों पर फैसला हो सकता है।
बैठक में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के तहत संसाधन जुटाने के उपाय तेजी से करने पर भी चर्चा हुई। इसके लिए ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर की जल्द खरीद करने, ऑक्सीजन के अधिक प्लांट लगाने और दवाओं का भी स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के प्रयासों पर सहमति जताई गई।
मंत्रियों ने दिए विवाह स्थगित करने के सुझाव
– कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजन हों स्थगित। बहुत आवश्यकता हो तो केवल कोर्ट मैरिज ही की जाए
– कोरोना की दूसरी लहर से गांवों में एवं युवाओं में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। उपचार के लिए शहर आते-आते रोगियों की स्थिति गंभीर
– शहरी क्षेत्रों की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवाजाही पर रोक लगे
– रेड अलर्ट कर्फ्यू की गाइडलाइन को और सख्त किया जाए
जामनगर और भिवाड़ी से हो ऑक्सीजन का अधिकतम आवंटन
मंत्रिपरिषद ने देश के दूसरे स्थानों से ऑक्सीजन का उठाव करने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र से टैंकर उपलब्ध करवाने की मांग रखी। साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बुर्नपुर तथा कालिंगानगर की बजाय जामनगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया। इससे ऑक्सीजन का जल्द उठाव किया जाना संभव हो सकेगा।
15 मई तक 795 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की होगी आवश्यकता
मंत्रिपरिषद की बैठक में चर्चा हुई कि राज्य को वर्तमान में 615 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 351 मैट्रिक टन ही है। यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो 15 मई तक ऑक्सीजन की आवश्यकता करीब 795 मैट्रिक टन हो जाएगी। साथ ही ऑक्सीजन के उठाव के लिए प्रदेश में 26 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है।