घरेलू बाजारों में लाल मिर्च के भाव में आई तेजी
गुंटूर की मंडी में सूखी लाल मिर्च का भाव वर्ष 2021 के मार्च के अंतिम सप्ताह में जहां 9500 रुपए प्रति क्विंटल था, वह वर्ष 2022 की उसी अवधि में बढ़कर 17,000 रुपए पहुंच गया है। राजस्थान के जोधपुर में पिछले साल 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल वाली सूखी लाल मिर्च इस बार 21 हजार रुपए तक पहुंच गई है, जबकि उत्तर प्रदेश की मंडियों में भाव पिछले साल के मुकाबले 30 से 40 फीसद तक बढ़ा है। लाल मिर्च का निर्यात बाजार भी है, जो प्रभावित हो सकता है। घरेलू बाजारों में लाल मिर्च की यह तेजी अगली फसल के आने तक बनी रह सकती है।
गुंटूर की मंडी में सूखी लाल मिर्च का भाव वर्ष 2021 के मार्च के अंतिम सप्ताह में जहां 9500 रुपए प्रति क्विंटल था, वह वर्ष 2022 की उसी अवधि में बढ़कर 17,000 रुपए पहुंच गया है। राजस्थान के जोधपुर में पिछले साल 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल वाली सूखी लाल मिर्च इस बार 21 हजार रुपए तक पहुंच गई है, जबकि उत्तर प्रदेश की मंडियों में भाव पिछले साल के मुकाबले 30 से 40 फीसद तक बढ़ा है। लाल मिर्च का निर्यात बाजार भी है, जो प्रभावित हो सकता है। घरेलू बाजारों में लाल मिर्च की यह तेजी अगली फसल के आने तक बनी रह सकती है।
मिर्च उत्पादक राज्य
मिर्च उत्पादन में तेलंगाना की हिस्सेदारी सर्वाधिक 33 फीसद और आंध्र प्रदेश की 26 फीसद है। बाकी उत्पादन में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा और मध्य प्रदेश प्रमुख हैं। देश में मिर्च की मुख्य खेती जून से अक्तूबर के बीच होती है, जबकि अल्पकालिक फसलें जाड़े के मौसम वाली फसल सितंबर अक्टूबर में लगती है और ग्रीष्म कालीन फसल फरवरी से मार्च में लगाई जाती है।
मिर्च उत्पादन में तेलंगाना की हिस्सेदारी सर्वाधिक 33 फीसद और आंध्र प्रदेश की 26 फीसद है। बाकी उत्पादन में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा और मध्य प्रदेश प्रमुख हैं। देश में मिर्च की मुख्य खेती जून से अक्तूबर के बीच होती है, जबकि अल्पकालिक फसलें जाड़े के मौसम वाली फसल सितंबर अक्टूबर में लगती है और ग्रीष्म कालीन फसल फरवरी से मार्च में लगाई जाती है।
चाइना भी पिछड़ा
चाइना में लाल मिर्च की फसल काफी कम है। नई फसल अगस्त माह में आती है। चाइना को हमारे यहां की तेज मिर्च आयात करनी पड़ती है। भारत से लाल मिर्च चाइना, मलेशिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मैक्सिको, यूएसए, जर्मनी, गल्फ कन्ट्रीज,अफ्रीकन कंट्रीज मिलाकर 144 देशों में निर्यात किया जाता है।
चाइना में लाल मिर्च की फसल काफी कम है। नई फसल अगस्त माह में आती है। चाइना को हमारे यहां की तेज मिर्च आयात करनी पड़ती है। भारत से लाल मिर्च चाइना, मलेशिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मैक्सिको, यूएसए, जर्मनी, गल्फ कन्ट्रीज,अफ्रीकन कंट्रीज मिलाकर 144 देशों में निर्यात किया जाता है।
27,000 करोड़ का निर्यात
पिछले साल भारत से 27,000 करोड़ का निर्यात हुआ है, जो की पूरे भारत के निर्यात का 31 फीसदी है। पिछले साल 6 लाख टन लाल मिर्च चाइना को निर्यात किया गया था, जिसका बाजार मूल्य 8400 करोड़ रुपए है।
पिछले साल भारत से 27,000 करोड़ का निर्यात हुआ है, जो की पूरे भारत के निर्यात का 31 फीसदी है। पिछले साल 6 लाख टन लाल मिर्च चाइना को निर्यात किया गया था, जिसका बाजार मूल्य 8400 करोड़ रुपए है।