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रीट पेपर लीक होने से पहले बाजार में लगी थी बोली, मिला उसे जिसने लगाए सबसे ऊंचे दाम

locationजयपुरPublished: Jan 29, 2022 11:48:05 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

REET 2021 Exam Paper Leak: रीट पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार रामकृपाल मीणा डिप्टी को-ऑर्डिनेटर बनने से पहले ही आश्वस्त था कि उसके पास पेपर आएगा।

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REET 2021 Exam Paper Leak: रीट पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार रामकृपाल मीणा डिप्टी को-ऑर्डिनेटर बनने से पहले ही आश्वस्त था कि उसके पास पेपर आएगा।

रीट पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार रामकृपाल मीणा डिप्टी को-ऑर्डिनेटर बनने से पहले ही आश्वस्त था कि उसके पास पेपर आएगा। इसलिए वह पहले ही उदाराम विश्नोई और उसकी तरह ही पर्चा लीक के लिए कुख्यात एक अन्य आरोपी के सम्पर्क में थे। उसने पेपर उदालाल को दिया, जिसने मुंह मांगी कीमत देनी की हां भरी। अब सवाल यह है कि रामकृपाल की पेपर केन्द्र (शिक्षा संकुल) में तैनाती कैसे हुई तथा जिस पैकेट को काट कर उसने पेपर निकाला वह किस केन्द्र पर पंहुचा। इस केन्द्र के संचालक भी गिरोह में शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने कटा हुआ पैकेट व एक पेपर कम मिलने पर भी कहीं शिकायत नहीं दी।
एसओजी ने पेपर लीक करने वाले रामकृपाल मीणा व उसके खरीददार उदाराम को दो दिन पहले गिरफ्तार किया था। पड़ताल में सामने आया कि रीट की परीक्षा तय होने के साथ ही उदालाल पेपर हथियाने के प्रयास में जुट गया था। उसकी तरह ही प्रदेश स्तर पर नकल व पेपर लीक में सक्रि य एक और गिरोह का सरगना सक्रिय था। उस पर ग्राम विकास अधिकारी व पुलिस उपनिरीक्षक परीक्षा में भी गड़बड़ी में नाम सामने आ रहा है। हालांकि मोलभाव में रामकृपाल मीणा ने उदाराम का ऑफर स्वीकार किया।
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शिक्षा संकुल में ही थे गैर सरकारी व्यक्ति
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पेपर की निगरानी के लिए शिक्षा संकुल में जहां गैर सरकारी व्यक्ति नियुक्त किए थे। इसके अलावा अन्य सभी जिलों में एडीएम स्तर के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई थी। जयपुर में मुख्य जिम्मेदारी गैर सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर को को-ऑर्डिनेटर के रूप में दी गी थी।
कांग्रेस सरकार की परीक्षा में पाराशर ही को-ऑर्डिनेटर
सामने आया है कि वर्ष 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई आरटेट परीक्षा में जयपुर का को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को ही बनाया गया था। उस समय बोर्ड चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड चेयरमैन डीपी जारौली के करीबी हैं। इस सम्बंध में प्रदीप पाराशर का कहना है कि एसओजी की ढाई दिन पूछताछ में अभी तक मेरी लिप्तता नहीं मिली है। एसओजी बुलाएगी तो फिर जाउंगा।
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