रीट परीक्षा की शांतिपूर्ण संपन्न हो सके, इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने हाथों में ले रखी थी। मुख्यमंत्री ने परीक्षा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठकों के दौरान भी मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश जारी किए थे।
यही वजह है कि रीट परीक्षा की व्यवस्था संभालने का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री के हाथ में लेने के बाद तमाम प्रशासनिक अधिकारी और मंत्री लगातार फील्ड में व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और जहां पर कमी नजर आई उन्हें तुरंत दुरुस्त भी करवाया।
सीएमआर में पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे मुख्यमंत्री
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को अपने आवास पर लगातार संबंधित जिलों के कलेक्टर, एसपी, मंत्रियों और नोडल अधिकारियों से परीक्षा के इंतजामों को लेकर पल-पल की अपडेट लेते रहे। परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके खुशी भी जताई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रदेश में लाखों अभ्यर्थियों ने रीट परीक्षा सफलतापूर्वक दी है। इसके लिए आम जन के साथ जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, शिक्षक, एनजीओ, सामाजिक संस्थाएं, बस ऑपरेटर सभी ने हर संभव अपेक्षित सहयोग दिया है, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। सफल परीक्षा के लिए सभी प्रदेशवासियों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी है।
नेटबंदी के फैसले को सराहा
वहीं दूसरी ओर पेपर लीक की आशंका, अफवाहें फैलाने और किसी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए सरकार की ओर से लिए गए नेटबंदी के फैसले को लेकर अब सत्ता और नौकरशाही के गलियारों में खासी चर्चा है। सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े कई नेताओं और नौकरशाहों ने भी सरकार के इस फैसले को सराहा है।
इनका मानना है कि हालांकि नोटबंदी से आमजन को थोड़ी तकलीफ हुई है लेकिन जनहित में लिए गए इस फैसले से किसी प्रकार की अनहोनी और अफवाहें फैलाने के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए और इसके चलते परीक्षा भी शांतिपूर्ण संपन्न हो गई।