राठौड़ ने कहा कि एसओजी तत्काल प्रभाव से जारोली को गिरफ्तार करें और रिमांड पर लेकर यह पूछताछ करें कि रीट पेपर लीक मामले में राजनीतिक संरक्षण में कौन-कौन वो बड़े किरदार है जिन्होंने पेपर लीक करवाकर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। राठौड़ ने कहा कि रीट पेपर लीक मामले में चौतरफा घिरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट सत्र में नकल व पेपर लीक के संबंध में कठोर प्रावधान लाने की बात कह रहे हैं, लेकिल मुख्यमंत्री ने विगत वर्ष 17 अक्टूबर 2021 को नया नकल अध्यादेश लाने घोषणा को अमलीजामा पहनाया होता तो आज पेपर माफियाओं में भी खौफ रहता और भर्ती प्रक्रियाओं में प्रश्नचिन्ह नहीं लगता।
मुख्यमंत्री युवाओं के प्रति नहीं गंभीर राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री रीट पेपर लीक प्रकरण में विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन आप स्वयं युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी सजग व गंभीर होते तो आपके शासन में रीट के अलावा लाइब्रेरियन, एसआई व जेईएन भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं हुए होते। 3 वर्ष में कई भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक होना मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धि है। रीट पेपर को सुनियोजित साजिश के तहत डीपी जारोली व उनके साथी प्रदीप पाराशर सहित राजनीतिक आकाओं की सरपरस्ती में लीक करवाया गया जिसके तार मंत्रिमंडल तक जा रहे हैं। सरकार को दोषियों को बर्खास्त करने के साथ ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।