30 अक्टूबर तक चलेंगे पंजीयन
इस दौरान बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपच खरीद के लिए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया 30 अक्टूबर तक चलेगी। पंजीयन के लिए निर्धारित शुल्क 25 रुपए है। किसानों से 25 से अधिक फीस वसूलने वाले ई-मित्र केन्द्रों के लाईसेन्स निलंबित और निरस्त किए जाएंगे। कांफ्रेंसिंग में साफ तौर पर यह निर्देश दिए गए कि अगर किसी भी किसान ने आॅनलाइन पंजीयन के दौरान बिना गिरदावरी या पुरानी गिरदावरी के पंजीयन करवा लिया तो वो मान्य नहीं होगा। ऐसे किसानों से एमएसपी पर खरीद नहीं होगी।
मानकों के हिसाब से हो खरीद
कांफ्रेंसिंग के दौरान रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने कहा किसान गिरदावरी का पी-35 फार्मेट को ही पंजीयन के लिए मान्य माना गया है। यदि किसी भी जिले में शीघ्र ही पंजीयन पूरा हो गया है तो जिला कलक्टर अपने स्तर से जांच करवाएं। कॉफ्रेंसिंग के दौरान प्रमुख शासन सचिव ने कानून व्यवस्था की पुख्ता व्यवस्था करवाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान रजिस्ट्रार डॉ. पवन ने कहा कि एफएक्यू मानक से ही खरीद सुनिश्चित की जाए।
समिति पर होगी कार्रवाई
यदि समिति की ओर से निर्धारित मानक के तहत खरीद नहीं की जाती है तो इसके लिए समिति को जिम्मेदार माना जाएगा और यदि नेफैड के सर्वेयर की ओर से खरीद उपज को गलत रिजेक्ट किया जाता है तो सर्वेयर के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। इतना ही नहीं, उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति इस संबंध में जांच भी करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए की खरीद केन्द्रों पर पर्याप्त रोशनी, छाया, पानी एवं तुलाई की व्यवस्था की जाए।