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जिनकी पैरोल मंजूर उनको बिना जमानती के रिहा करें—राजस्थान उच्च न्यायालय

locationजयपुरPublished: Apr 09, 2020 10:14:39 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

54 बंदियों की राज्य स्तरीय पैरोल कमेटी ने पैरोल की थी मंजूर, लॉक डाउन की वजह से जमानती नहीं पहुंचने से बंद है जेल में

200 prisoners will be released from jails in Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश की जेलों से 200 बंदी होंगे रिहा, परिजनों में खुशी की लहर

जयपुर।


पैरोल स्वीकृत होने के बाद भी लॉकडाउन की वजह से जमानती नहीं मिलने की वजह से बंदी रिहा नहीं हो रहे थे। ऐसे में अब राजस्थान उच्च न्यायालय ने इन पैरोल पा चुके बंदियों को बिना जमानती रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को पैरोल मियाद पूरी होने के बाद भी लॉकडाउन की वजह से सरेंडर नहीं कर पा रहे बंदियों की पैरोल बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।
दर्पण गोयल ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने बंदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। इसके लिए तीन सदस्यों की उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया है। जिस पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि 30 मार्च को 54 बंदियों को 50 हजार रूपए की जमानत और दो जमानती पेश करने पर पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया गया है। इसी के साथ 25 बंदियों को खुली जेल में भेजा गया है। जिस पर याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अनिता अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से जमानती पहुंचने संभव नहीं है और इलाहबाद उच्च न्यायालय ने इस तरह की स्थिति में बंदियों को राहत दी है। इसी के साथ ऐसे बंदी जिनका पैरोल पूरा हो चुका है उनका पैरोल बढ़ाया जाना चाहिए इसके लिए आवश्यक है तो नियमों में संशोधन किया जा सकता है। जिस पर न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी और न्यायाधीश चंद्रकुमार सोनगरा ने पैरोल के लिए दो जमानती की शर्त संबंधित आदेश को रद्द कर दिया यानि कि लॉकडाउन के दौरान पैरोल पर छूटने वाले बंदियों को बिना जमानती रिहा किया जा सकेगा। गौरतलब है कि जनहित याचिका में जेलों में कोविड: 19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देशों के पालन में बंदियों को पैरोल व अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया था।
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