नई गाइडलाइन के मुताबिक, कोविड-19 के गंभीर किस्म के रोगी की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती होते समय यदि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही होती है, तो उसे मध्यम श्रेणी का माना जाएगा। ऐसे मरीज की पांच दिन बाद फिर से कोविड-19 की जांच कराई जाएगी। अगर मरीज इस जांच में नेगेटिव आ जाता है, तो उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। साफ शब्दों में कहें, तो पॉजिटिव होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने के दिन से पांचवें दिन के खात्मे पर उसकी सैंपलिंग की जाती है और सांझ ढलते अथवा रात गहराते-गहराते उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है, तो उसे उसी समय अथवा दूसरे दिन सुबह अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इस तरह मोटे तौर पर यह अवधि छह दिन अथवा सात दिन की बैठ रही है। जानकारी के मुताबिक, गत आठ और 10 मई को आईसीएमआर की ओर से यह गाइडलाइन अन्य राज्यों को भेज दी गई है और कई राज्यों ने इसे लागू भी कर दिया है। हालांकि, इस गाइडलाइन में यह अवधि 10 दिन की मानी गई है, जिसमें एक रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद डिस्चार्ज की बात कही गई है। राजस्थान में 26 मई को यह गाइडलाइन जिलों को भेजी गई है, जिसके मुताबिक अब यहां इलाज को अंजाम दिया जा रहा है।