यह स्पष्ट रहे कि जमात-ए-इस्लामी हिंद, राजस्थान ने अपने कार्यकर्ताओं की मदद से 6800 से अधिक परिवारों के 34330 लोगों में 29 लाख 58 हजार 865 रुपए का राशन पहुंचाया और 3 लाख 98 हजार 542 रुपए के भोजन के 65834 पैकेट लोगों को वितरित किए। 3 लाख 60 हज़ार 830 रुपए की नक़द मदद भी की गई की और यह सब सहायता बिना किसी भेद-भाव के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों को दी गई है। जमाअत ने इसे लॉकडाउन समाप्त होने तक जारी रखने का संकल्प लिया है।
उन्होंने बताया कि जयपुर में क्वारेनटाइन में रह रहे लोगों के लिए RUHS हॉस्पिटल में 250 किलो फल, 200 टॉयलेट किट तथा निम्स हॉस्पिटल में 200 पैकेट (जिनमें नमकीन, बिस्किट, टॉफ़ी, नीबू, अदरक, टोस्ट, पानी की बोतल, डिस्पोज़ेबल प्लेटें, तेल के पाउच, शेम्पू, साबुन दूध पावडर, फल, चाय पत्ती, जानमाज़, तस्बीह आदि शामिल हैं) पहुंचाए। इसके अलावा जयपुर में 3000 परिवारों को राशन किट बांटे जा रहे है, जिनमें आटा, दाल, तेल, नमक, मसाले, शकर आदि सामग्री रखी गई। जयपुर में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए जा रहे सर्वे में जमाअत के सदस्यों ने सर्वे टीम के साथ मिलकर उनका सहयोग किया और 1500 घरों में जाकर 15000 से अधिक लोगों की जांच करने में मदद की।
जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, राजस्थान के अमीर मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने बताया कि जमाअत यह राहत कार्य अपनी सहयोगी संस्थाओं हेल्पिंग हेण्ड फाउण्डेशन (एचएचएफ), स्टूडेन्ट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन (एसआईओ), एसोसिएशन फ़ोर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (एपीसीआर), मेडीकल सर्विस सोसाटी (एमएसएस), सोसाइटी फॉर ब्राइट फ़्यूचर (एसबीएफ), मुस्लिम यूथ फोरम (एमवायएफ़), गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन (जीआईओ) आदि के साथ मिलकर कर रही है।
प्रदेशाध्यक्ष ने कोरोना से पीड़ित लोगों के साथ सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इस मुश्किल दौर से निकल जाएंगे और सामान्य स्थिति में लौट आएंगे। साथ ही, उन्होंने लोगों से अपील की कि हमारे लिए यह समय है कि हम अपने पालनहार की ओर पलटें और अपने कर्मों की जवाबदेही का एहसास अपने अंदर पैदा करें और आत्म विश्लेषण कर अपने अन्दर से बुरी बातें और ईश्वर की अवज्ञा की प्रवृत्ति को निकाल बाहर करें।