मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को राजस्थान रोडवेज समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। अपने निवास पर रोडवेज की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान रोडवेज में कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सभी मांगों को लेकर सरकार गंभीर है।
गहलोत ने निगम कर्मचारियों की ओर से प्रस्तावित हड़ताल को वापस देने का आह्वान करते हुए कहा कि निगम कर्मचारी आगामी पटवारी परीक्षा के लिए रोडवेज बसों का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करें।
ढाई सौ परिचालकों की भर्ती
सीएम गहलोत ने कहा कि रोडवेज निगम में 250 परिचालकों की भर्ती के आदेश सोमवार को भी जारी हो गए हैं। निगम प्रबंधन की ओर से 175 मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को गत 4 माह में अनुकंपा नियुक्ति दी जा चुकी है। मार्च 2022 तक शेष अन्य मृतक आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने रोडवेज प्रबंधन को भी निर्देश दिया कि वह अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया 30 दिन में पूरी करें।
सीएम ने कहा कि रोडवेज बसों का संचालन सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में किया जा रहा है, अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान रोडवेज बसों का किराया काफी कम है। निगम को संचालन में हर साल 700 करोड़ का घाटा हो रहा है। वहीं डीजल की दर लगातार बढ़ रही है, आमजन को राहत देते हुए 2014 से किराया अभी तक नहीं बढ़ाया गया है, जबकि इस दौरान डीजल के दाम दोगुने हो गए।
इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परविहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कर्मचारियों से उनकी सभी मांगों को लेकर चर्चा जारी है और आशा है कि हड़ताल का आह्वान वापल ले लेंगे। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा, राजस्थान रोडवेज के सीएमडी संदीप वर्मा, परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।