यह था मकसद..
इस व्यवस्था के पीछे मकसद था कि कचरा संग्रहण वाहन हर घर तक पहुंचे। जब घर से ही कचरा एकत्र होगा तो सड़क पर पहुंचेगा ही नहीं। इससे सड़कों पर स्वच्छता नजर आएगी। प्रोजेक्ट शुरू कर पूरा वार्ड कंपनी को सौंप दिया गया। शुरुआत में कपंनी को काम करने का मौका दिया। बाद में निगम ने इसी उम्मीद में कचरा डिपो से कंटेनर हटाना शुरू कर दिए कि हर घर से कचरा एकत्र हो रहा है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, नतीजा कचरा उसी डिपो पर पहुंच रहा है जहां कचरा पात्र ही नहीं है।
इस व्यवस्था के पीछे मकसद था कि कचरा संग्रहण वाहन हर घर तक पहुंचे। जब घर से ही कचरा एकत्र होगा तो सड़क पर पहुंचेगा ही नहीं। इससे सड़कों पर स्वच्छता नजर आएगी। प्रोजेक्ट शुरू कर पूरा वार्ड कंपनी को सौंप दिया गया। शुरुआत में कपंनी को काम करने का मौका दिया। बाद में निगम ने इसी उम्मीद में कचरा डिपो से कंटेनर हटाना शुरू कर दिए कि हर घर से कचरा एकत्र हो रहा है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, नतीजा कचरा उसी डिपो पर पहुंच रहा है जहां कचरा पात्र ही नहीं है।
यह करना जरूरी..
कंपनी के पास संबंधित वार्ड के लिए पूरे संसाधन होने पर ही उसे काम सौंपा जाए। संसाधन नहीं होने तक निगम ही वहां की व्यवस्था संभाले। ऐसी स्थिति में अनुबंध के तहत कपंनी पर कार्रवाई हो ताकि काम में सुधार कर सके।
कंपनी के पास संबंधित वार्ड के लिए पूरे संसाधन होने पर ही उसे काम सौंपा जाए। संसाधन नहीं होने तक निगम ही वहां की व्यवस्था संभाले। ऐसी स्थिति में अनुबंध के तहत कपंनी पर कार्रवाई हो ताकि काम में सुधार कर सके।
अनुबंध की पालना नहीं..
अनुबंध के तहत कंपनी को कार्यादेश के 3 माह के भीतर सभी 91 वार्डों में काम शुरू करना था। इस तरह कंपनी को 17 जुलाई तक सभी वार्डों तक दायरा फैलाना था। लेकिन अभी तक 61 वार्डों तक ही काम कर पाई है। इसमें भी कई वार्डों में तो औपचारिकता निभाई जा रही है। अनुबंध के तहत कंपनी कचरा संग्रहण कार्य दूसरी फर्मों को सबलेट नहीं कर सकती थी। इसके बावजूद कंपनी ने 6 से आठ अन्य फर्मों को काम सबलेट कर दिया। इसके जरिए भी कमाई की जा रही है।
अनुबंध के तहत कंपनी को कार्यादेश के 3 माह के भीतर सभी 91 वार्डों में काम शुरू करना था। इस तरह कंपनी को 17 जुलाई तक सभी वार्डों तक दायरा फैलाना था। लेकिन अभी तक 61 वार्डों तक ही काम कर पाई है। इसमें भी कई वार्डों में तो औपचारिकता निभाई जा रही है। अनुबंध के तहत कंपनी कचरा संग्रहण कार्य दूसरी फर्मों को सबलेट नहीं कर सकती थी। इसके बावजूद कंपनी ने 6 से आठ अन्य फर्मों को काम सबलेट कर दिया। इसके जरिए भी कमाई की जा रही है।