scriptशहरी सीमा के बाहर आवासीय प्रोजेक्ट भी रेरा की जद में | RERA | Patrika News

शहरी सीमा के बाहर आवासीय प्रोजेक्ट भी रेरा की जद में

locationजयपुरPublished: Jan 15, 2018 11:55:52 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

शहरी सीमा के बाहर आवास निर्माण करने वाले बिल्डर—विकासकर्ताओं पर भी सरकार ने नकेल कस दी है।

udh
ऐसे आवास निर्माण करने वालों को भी रेरा (रियल एस्टेट कानून) के दायरे में शामिल कर लिया गया है। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने बिल्डर व विकासकर्ताओं को ऐसे सभी प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन रेरा के तहत कराने के आदेश दे दिए हैं। अभी तक शहरी निकायों के बाहरी बनाए जा रहे आवास का पंजीयन कराया ही नहीं जा रहा था। केन्द्र सरकार ने इसका काम स्थानीय अथॉरिटी को सौंपा था। बताया जा रहा है कि राजधानी जयपुर , जोधपुर , कोटा की शहरी सीमा के आस—पास कई आवासीय प्रोजेक्ट धड़ल्ले से बनाए जा रहे हैं। इनका रेरा में पंजीयन नहीं होने से लोगों मिलने वाली राहत से दूर रहना पड़ता। अभी ऐसे प्रोजेक्टस की संख्या करीब 75 बताई जा रही है।
3 माह की दी मियाद…
राज्य में ऐसी आवासीय व व्यावसायिक परियोजनाएं जो योजना क्षेत्र से बाहर हैं तथा जो स्थानीय प्राधिकारी की अपेक्षित अनुज्ञा से विकसित की जाती है, उनसे जुड़े हर प्रमोटर को प्रस्तावित प्रोजेक्ट पंजीकृत कराने होंगे। इसके लिए अधिकतम 3 माह की मियाद दी गई है।
इस बड़े फायद से जुड़ सकेंगे ये भी…
— राज्य में रियल एस्टेट रेग्युलर नियुक्त किए गए, जो सभी प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग करेंगे। उपभोक्ता उनसे सीधे शिकायत कर सकते हैं, जिनकी सुनवाई रेग्युलेटर द्वारा की जाएगी।
— प्रोजेक्ट लॉन्च होते ही बिल्डर्स को प्रोजेक्ट संबंधित पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होती है। प्रोजेक्ट स्वीकृति के साथ ही प्रोजेक्ट के बारे में प्रतिदिन अपडेट करना।
— खरीदार से ली गई राशि 15 दिन में बैंक में जमा कराना। इसके लिए एस्क्रो अकांउट में निर्माण लागत की 70 फीसदी राशि जमा कराना अनिवार्य। इसका उपयोग सिर्फ उसी प्रोजेक्ट में होगा।
— डवपलपर को प्रोजेक्ट की बिक्री सुपरबिल्टअप एरिया पर नहीं बल्कि कारपेट एरिया के आधार पर करनी की बाध्यता। मकसद, इससे खरीदार को सही क्षेत्रफल का ही पैसा देना पड़े।

इन पर कस चुका शिकंजा…
रेरा की पालना नहीं करने वाले विकासकर्ता—बिल्डरों के खिलाफ अथॉरिटी एक्शन लेना शुरू कर चुकी है। पहली बार चार विकासकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की ई है। इसके तहत तो दो विकासकर्ताओं पर जुर्माना लगाया है, जबकि 2 विकासकर्ताओं को नोटिस जारी कर लिखित में जवाब मांगा है। जिन विकासकर्ताओं पर जुर्माना लगाया है, उन्होंने प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद निर्धारित दस्तावेजों की पूर्ति नहीं की। इस कारण उन पर रजिस्ट्रेशन फीस का 4 गुना राशि जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह रेरा कानून के तहत बिना रजिस्ट्रेशन कराए प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार करने पर नोटिस देकर स्पष्टीकारण मांगा गया है।

60 प्रतिशत से ज्यादा रजिस्टर्ड सेल डीड वालों को छूट..
इसी वर्ष 1 मई से रियल एस्टेट रेगुलेशन कानून लागू हुआ था। लागू होने के तीन महीने के भीतर निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया। इसमें केवल उन प्रोजेक्ट को छूट दी गई, जिनमें 60 प्रतिशत से ज्यादा आवास की रजिस्टर्ड सेल डीड हो गई हो। इसके बाद भी राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में 600 से ज्यादा प्रोजेक्ट बताए जाते रहे हैं।
—————–
—शहरी सीमा के बाहर भी कई आवासीय प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं। ऐसे प्रोजेक्ट को भी रेरा के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले ये रेरा से बाहर थे लेकिन लोगों को रेरा का लाभ देने के लिए ऐसा किया है। —प्रदीप कपूर, रजिस्ट्रार, राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो