जयपुर

वैज्ञानिकों के हाथ लगा आसमान से गिरा अनमोल खजाना

सोमालिया में गिरे 14 टन के उल्कापिंड में मिलीं दो नई धातुएं
14 टन का ‘इल अली’ धरती पर मिला नौवां सबसे बड़ा उल्कापिंड

जयपुरNov 30, 2022 / 11:22 pm

Aryan Sharma

वैज्ञानिकों के हाथ लगा आसमान से गिरा अनमोल खजाना

वॉशिंगटन. आसमान से गिरा एक अनमोल खजाना अनंत अंतरिक्ष की खोज में जुटे वैज्ञानिकों के हाथ लगा है। सोमालिया में दो साल पहले गिरे 14 टन के उल्कापिंड में दो नई धातुएं मिली हैं, जो धरती पर पहले कभी नहीं पाई गईं। इस आसमानी चट्टान को जांच के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बार्टा भेजा गया था। हाल ही मिली जांच रिपोर्ट में नई धातुओं का पता चला।
उल्कापिंड का नाम ‘इल अली’ है। इसलिए एक धातु का नाम ‘इलालीट’ रखा गया। दूसरी धातु का नाम वैज्ञानिक लिंडी इलकिंस के नाम पर ‘इलकिंसटेंटोनाइट’ रखा गया है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इलकिंस नासा के साइकी मिशन से जुड़े हैं। फिलहाल इन धातुओं के बारे में विस्तृत विवरण नहीं दिया गया है। वैज्ञानिकों को मुताबिक ‘इल अली’ धरती पर मिला नौवां सबसे बड़ा उल्कापिंड है। इसका नाम सोमालिया के उस कस्बे के नाम पर रखा गया, जहां यह मिला था।

अंतरिक्ष में चट्टानों का रसायन अलग
यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बार्टा के प्रोफेसर क्रिस हर्ड ने एक बयान में कहा, किसी उल्कापिंड में नई धातु की खोज का मतलब है कि अंतरिक्ष में भूगर्भीय हालात और चट्टानों का रसायन अलग है। नासा धातुओं से भरे साइकी नाम के क्षुद्र ग्रह पर प्रोब भेजना चाहती है, ताकि यह साक्ष्य जुटाए जा सकें कि सौर सिस्टम के ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ। इस दौरान कई और धातुओं की खोज हो सकती है।

ज्यादा चुंबकीय क्षमता वाला
‘इल अली’ उल्कापिंड सोमालिया के कस्बे से बाहर गिरा था। इसकी खोज ऊंट चराने वालों ने की थी। उल्कापिंड बहुत ज्यादा चुंबकीय क्षमता वाला है। इसके जैसा कुछ धरती पर इससे पहले नहीं मिला था। वैज्ञानिक जब उल्कापिंड को वर्गीकृत कर रहे थे, तभी उनका ध्यान इन दो धातुओं पर गया। धातुओं का आगे परीक्षण किया जा रहा है।

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