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मरीजों के लिए आफत बनी रेजीडेंट डॉक्टरों की ‘हड़ताल’

locationजयपुरPublished: Dec 05, 2019 05:04:37 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Resident Doctors Strike : जयपुर . Resident Doctors की Strike अभी जारी है। हड़ताली Doctor और Government के बीच अभी वार्ता के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में हड़ताल के चलते Patient को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उपचार के लिए मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं। हाल यह है कि Hospital में Operation टाले जा रहे हैं वहीं आउटडोर में भी मरीजों की संख्या आधी हो गई है।

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Resident Doctors Strike : जयपुर . रेजीडेंट डॉक्टरों ( Resident Doctors ) की हड़ताल (Strike) अभी जारी है। हड़ताली डॉक्टरों ( Doctor ) और सरकार ( government ) के बीच अभी वार्ता के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में हड़ताल के चलते मरीजों ( patient ) को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उपचार के लिए मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं। हाल यह है कि अस्पतालों ( hospital ) में ऑपरेशन ( Operation ) टाले जा रहे हैं वहीं आउटडोर में भी मरीजों की संख्या आधी हो गई है।

रेजीडेंट डॉक्टरों को अपनी मांगों को लेकर सरकार से वार्ता का इंतजार है। उधर सरकार का अभी रेजीडेंट डॉक्टरों से वार्ता करने का कोई इरादा नजर नहीं आ रहा है। रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि वे दो दिन से सरकार से वार्ता का इंतजार कर रहे हैं। सरकार जब भी उन्हें वार्ता के लिए बुलाएगी तो वे एक घंटे के नोटिस में पहुंच जाएंगे। सरकार रेजीडेंट डॉक्टरों की मांगों पर लिखित में आश्वासन दे दे तो रेजीडेंट तुरंत हड़ताल खत्म करने को तैयार हैं।
हड़ताल के चलते प्रदेशभर में स्थितियां बिगड़ गई है। हड़ताल को देखते हुए मरीज भी अस्पताल में भर्ती होने से कतरा रहे हैं। अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर भी सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। ऐसे में मरीजों की परेशानी दोगुनी हो गई है। रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के कारण मुख्य रूप से आउटडोर व आपातकालीन इकाई में आने वाले मरीज तथा आईसीयू में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीजों ने बातचीत में कहा कि सरकार को रेजीडेंट डॉक्टर्स की मांगों पर बैठकर चर्चा करनी चाहिए और हड़ताल ना हो ऐसा कोई उपाय निकालना चाहिए।
रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण दिनभर मरीज उपचार के लिए इधर-उधर भटकते रहे पर उन्हें कोई राहत नहीं मिली। स्वास्थ्य मंत्री ने वैकल्पिक व्यवस्था का दावा किया था, लेकिन अस्पतालों में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। आपातकाली इकाई में आने वाले कई मरीजों को तो मजबूरन दूसरे अस्पताल में उपचार के लिए जाना पड़ा। यही हाल आउटडोर का रहा। हड़ताल के चलते प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में कई ऑपरेशन भी टाले गए।

तीसरे दिन कोई वार्ता नहीं -:
रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के तीसरे दिन गुरुवार कोई वार्ता नहीं हुई। हालांकि बुधवार रात को हुई वार्ता के बाद अधिकारियों ने कहा था कि गुरुवार को सुबह रेजीडेंट से फिर वार्ता की जाएगी। गुरुवार को दिनभर रेजीडेंट सरकार के बुलावे का इंतजार करते रहे, लेकिन सरकार का बुलावा नहीं आया जिससे रेजीडेंट डॉक्टरों में रोष व्याप्त है। डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार उनकी सब्र का इम्तहान ले रही है।

हड़ताल को मिला आईएमए का समर्थन -:
इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के राजस्थान के अध्यक्ष डॉ.एम.एन.थरेजा ने बताया कि उन्होंने रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है तथा राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द रेजीडेंट डॉक्टरों की मांगों पर कार्रवाई करे और हड़ता तुड़वाए।
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