script‘मिक्सोपैथी’ पर रार, रेजीडेंट डॉक्टर्स ने किया कार्य बहिष्कार | resident doctors boycott work | Patrika News

‘मिक्सोपैथी’ पर रार, रेजीडेंट डॉक्टर्स ने किया कार्य बहिष्कार

locationजयपुरPublished: Dec 11, 2020 07:16:39 pm

Submitted by:

Tasneem Khan

resident doctors boycott work
– आयुर्वेद चिकित्सकों को ऑपरेशन के लिए अधिकृत करने का मामला- राज्यभर के डॉक्टर्स ने किया विरोध- कहीं कार्य बहिष्कार तो कहीं काली पटटी बांध किया गया विरोध

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जयपुर। सेंट्रल कॉउन्सिल आफ इंडिया मेडिसिन की ओर से आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा में पीजी डिग्रीधारकों को शल्य चिकित्सा की अनुमति देने के विरोध में शुक्रवार को राज्यभर के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने काली पटटी बांधकर और कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स की ओर से सुबह 9 बजे से 11 बजे तक कार्य बहिष्कार किया गया। इसके बाद एसएमएस अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया गया। जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक बिश्नोई ने बताया कि राज्य सरकार को पत्र लिखकर चिकित्सा के क्षेत्र में मिक्सोपैथी के प्रावधानों को लागू ना करने की मांग की है। साथ ही जार्ड के सदस्यों ने मिक्सोपैथी पर अपना विरोध जाहिर किया है। वहीं अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ की ओर से राज्य में चिकित्सकों ने काली पटटी बांधकर काम करते हुए विरोध दर्ज करवाया। कोरोना महामारी के बीच कई चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार नहीं किया।
इसलिए किया जा रहा विरोध…
कुछ दिनों पहले ही सेंट्रल कौंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन सिस्टम की ओर से एक राजपत्र जारी किया गया। इसके अनुसार आयुर्वेद चिकित्सक को दो साल के कोर्स के बाद जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला, आंख, दंत सर्जरी के साथ 58 तरह के ऑपरेशन के लिए अधिकृत किया जाएगा। एलोपैथ के डॉक्टर्स का कहना है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग विशेषज्ञ होना जरूरी है। इस राजपत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि प्रीएनेस्थेटिक, एनेस्थेटिक और पोस्ट ऑपरेटिव पीरियड में वो किस पद्धति की दवाइयों का उपयोग करेंगे। ऐसे में मिक्सोपैथी मरीजों के लिए खतरा बन सकता है। डॉक्टर्स कह रहे हैं कि इससे नई मेडिकल शिक्षा नीति के तहत इंटीग्रेटेड मेडिकल सिस्टम का प्रावधान किए जाने से 2030 तक आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक खत्म हो जाएंगे।
अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ की ओर से 11 दिसम्बर को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जाएगा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने सेंट्रल कॉउन्सिल आफ इंडिया मेडिसिन की ओर से आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा में पीजी डिग्री धारकों को 58 प्रकार की शल्य चिकित्सा की अनुमति देने से संबंधित जारी किए गए आदेश को असंवैधानिक, गैर जरूरी व मरीजों के लिए अहितकारी करार दिया है।
जन स्वास्थ्य से खिलवाड़
अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा की अनुमति दिया जाना निंदनीय है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले व चिकित्सा की मूल भावना के खिलाफ जारी किए गए इस आदेश को वापस लिया जाए। ‘
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