आईसीयू और वार्डों में भी मरीज और परिजन दवा और पर्ची सहित जांचें लिखने के लिए डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। हालांकि सीनियर डॉक्टरों ने व्यवस्थाएं संभाली। लेकिन यह नाकाफी ही रही। जानकारी के मुताबिक करीब 50 से अधिक ऑपरेशन टालने पड़े। बुधवार को भी हड़ताल जारी रहने पर यह संख्या 100 के पार पहुंचने की आशंका है।
गुरूवार से हो सकती है ज्यादा परेशानी बुधवार को राजकीय अवकाश होने से अस्पताल का समय दो घंटे का ही था। साथ ही ओपीडी का समय भी सुबह 9 से 11 बजे तक का ही था। ऐसे में मरीजों की भीड़ कम थी। लेकिन गुरूवार को कार्य दिवस होने से मरीजों की संख्या अधिक रहेगी। जिससे व्यवस्थाओं पर और अधिक असर पडऩे की आशंका है।