रेजिडेंट डॉक्टरों ने जहां एक ओर काम का बहिष्कार किया, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में आने वाले मरीज परेशान होते रहे। हड़ताल के चलते सीनियर डॉक्टरों ने ओपीडी संभाला। डॉक्टर चैंबर के बाहर मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें नजर आई। दूरदराज से आए मरीजों को भटकना पड़ा तो कई मरीज तो डॉक्टर को दिखाए बिना ही लौट गए। राजसमंद से आए वैण सिंह ने बताया कि सुबह बस से अस्पताल में दिखाने आया हूं। हड़ताल का पता नहीं था। लाइन में काफी समय हो गया है, लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया है।
वहीं गुर्जर की थड़ी निवासी शिमला ने बताया कि सुबह छह बजे से अस्पताल के चक्कर काट रही हूं। डॉक्टर को दिखाने के लिए इतनी लंबी लाइन लगी है। एक घंटे हो गए लाइन में लगे हुए। काफी परेशानी हो रही है।उधर सीनियर डॉक्टरों ने बताया कि छह घंटे से लगातार मरीज को देख रहे हैं। इंडोर में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।
नहीं हो पाए ऑपरेशन
हड़ताल के चलते मरीजों के ऑपरेशन भी नहीं हो पाए। द्वितीय तल पर स्थित ऑपरेशन थिएटर में करीब 34 ऑपरेशन होने थे, लेकिन 17 ही हो पाए। वहीं यूरोलॉजी ऑपरेशन थिएटर में डॉ. नचिकेत ने बताया कि रोजाना करीब छह ऑपरेशन हो जाते हैं, लेकिन आज तीन ही हो पाए हैं। दातारामगढ़ निवासी जोधाराम और मानपुरा माचेड़ी निवासी प्रभुदयाल का मंगलवार को ऑपरेशन होना था। परिजनों ने बताया कि सुबह दस बसे से ऑपरेशन थिएटर के सामने प्रतीक्षालय में बैठे हैं। अब दोपहर के दो बज चुके हैं। बार-बार ऑपरेशन के लिए पूछा, लेकिन कोई ठीक जवाब ही नहीं दे रहा है।