नगर निगम मुख्यालय में मंगलवार को शहर की सफाई व्यवस्था और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों को लेकर स्वायत्त शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें घर-घर कचरा संग्रहण को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए घरों के बाहर स्मार्ट कार्ड लगाने पर चर्चा हुई। इस कार्ड में रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) है। कचरा संग्रहण करने के बाद कर्मचारी को कार्ड को स्वीप करना होगा।
इससे कचरा संग्रहण गाड़ी (हूपर) नहीं आने की शिकायत का समाधान होने के साथ-साथ डोर-टू-डोर की प्रभावी मॉनिटरिंग भी होगी। साथ ही नगर निगम एक मोबाइल एप लॉन्च करेगा, जिससे कचरा लेने आने वाली गाड़ी के 5 मिनट पहले ही मोबाइल में एक अलार्म बजेगा। यह काम स्मार्ट सिटी के तहत किया जाएगा। इसके लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया भी जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिडेट कंपनी करेगी।
वन टाइम चुकाना होगा शुल्क
डीएलबी डायरेक्टर पवन अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने शहर में सफाई व्यवस्था सुधारने के साथ घर-घर से कचरा संग्रहण को सभी घरों तक पहुंचाने की तैयारी शुरू की है। इसके लिए अब हर घर के बाहर एक स्मार्ट कार्ड लगाया जाएगा, जिस पर घरों से कचरा संग्रहण करने के बाद कार्ड को स्वीप करना होगा। इससे घर-घर कचरा संग्रहण की सच्चाई का पता चल पाएगा। शहर में करीब 6 लाख 10 हजार घर हैं, जहां ये कार्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए वन टाइम लोगों को 100 रुपए शुल्क चुकाना होगा।
डीएलबी डायरेक्टर पवन अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने शहर में सफाई व्यवस्था सुधारने के साथ घर-घर से कचरा संग्रहण को सभी घरों तक पहुंचाने की तैयारी शुरू की है। इसके लिए अब हर घर के बाहर एक स्मार्ट कार्ड लगाया जाएगा, जिस पर घरों से कचरा संग्रहण करने के बाद कार्ड को स्वीप करना होगा। इससे घर-घर कचरा संग्रहण की सच्चाई का पता चल पाएगा। शहर में करीब 6 लाख 10 हजार घर हैं, जहां ये कार्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए वन टाइम लोगों को 100 रुपए शुल्क चुकाना होगा।
सड़क पर कचरा डाला तो वसूलेंगे जुर्माना
बैठक में सचिव महाजन व डीएलबी डायरेक्टर अरोड़ा ने कचरा डिपो पर दिनभर कचरा पड़ा रहने का कारण जाना तो निगम अधिकारियों ने जनता पर दोष मढ़ दिया। निगम अधिकारियों ने कहा कि कचरा डिपो से कचरा उठने के बाद लोग कचरा डाल देते हैं। इस पर अधिकारियों ने तय किया कि घर-घर कचरा संग्रहण के लिए आने वाली गाड़ी में कोई कचरा नहीं डाल पाए तो उसके लिए नगर निगम हर वार्ड में 2-2 कचरा पात्र रखेगा, जिसमें लोग कचरा डाल सकेंगे। इसके बाद अगर किसी ने सड़क पर कचरा डाला तो उससे जुर्माना वसूल करने के भी निर्देश दिए।
अब हूपर की भी मॉनिटरिंग
शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए अब निगम आयुक्त विजयपाल सिंह ने जोन उपायुक्तों को हूपर की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हूपर में लगे नेविगेशन सिस्टम को प्रभावी कर नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके अलावा अब डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की मॉनिटरिंग के लिए जोन के साथ निगम मुख्यालय में भी एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिससे हूपर की मॉनिटरिंग की जाएगी।
शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए अब निगम आयुक्त विजयपाल सिंह ने जोन उपायुक्तों को हूपर की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हूपर में लगे नेविगेशन सिस्टम को प्रभावी कर नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके अलावा अब डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की मॉनिटरिंग के लिए जोन के साथ निगम मुख्यालय में भी एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिससे हूपर की मॉनिटरिंग की जाएगी।
हर जोन में दो जगह कचरा ट्रांसफर स्टेशन
बैठक में तय किया गया कि हर जोन में दो जगह कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे छोटी गाडि़यों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। वहीं गीला कचरे के निस्तारण के लिए कंपोस्ट मशीन भी कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर लगाई जाएगी, जिससे उस जोन क्षेत्र के पार्क आदि में खाद को काम लिया जा सकेगा।
बैठक में तय किया गया कि हर जोन में दो जगह कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे छोटी गाडि़यों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। वहीं गीला कचरे के निस्तारण के लिए कंपोस्ट मशीन भी कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर लगाई जाएगी, जिससे उस जोन क्षेत्र के पार्क आदि में खाद को काम लिया जा सकेगा।
हर 15 दिन में होगी बैठक
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों के तहत प्रदेश के तीन शहरों को सफाई के मामले में मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने जयपुर, उदयपुर व सीकर को चुना है। राजधानी को मॉडल सिटी बनाने के लिए अब हर 15 दिन में सफाई व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक स्वायत्त शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन व डीएलबी डायरेक्टर पवन अरोड़ा लेंगे। सीकर में डोर-टू-डोर के लिए घर-घर में स्मार्ट कार्ड लगाया गया है। इसके लिए वहां जनता ने वन टाइम 100 रुपए शुल्क चुकाया है।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों के तहत प्रदेश के तीन शहरों को सफाई के मामले में मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने जयपुर, उदयपुर व सीकर को चुना है। राजधानी को मॉडल सिटी बनाने के लिए अब हर 15 दिन में सफाई व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक स्वायत्त शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन व डीएलबी डायरेक्टर पवन अरोड़ा लेंगे। सीकर में डोर-टू-डोर के लिए घर-घर में स्मार्ट कार्ड लगाया गया है। इसके लिए वहां जनता ने वन टाइम 100 रुपए शुल्क चुकाया है।