एडमिशन बैच 2019-20 के डॉक्टर्स को पेपर प्रजेंटेशन, पोस्टर व थीसिस सबमिट करने में अधिक समय देने, रेजिडेंट चिकित्सकों से भामाशाह और चिरंजीवी योजना संबंधित अतिरिक्त कार्य ना करवाया जाए, वेतन आहरण संबंधित मामलों का निस्तारण, राज्य सरकार से इतर संस्थानों में एसआरशिप से रोकने संबंधी निर्देश वापस लेने, पीजी के बाद तीन इंक्रीमेंट देने, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 2019 के बैच की फीस विसंगति को दूर करने, सीनियर रेजिडेंसी सीटें उपलब्ध कराने की मांगें राज्य सरकार से की गई है।
रेजिडेंट्स नीट पीजी काउंसलिंग को लेकर हो रही देरी पर विरोध जता रहे हैं, जबकि यह पूरा मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने मामले में 6 जनवरी की तारीख दी है। इसके बाद फेडरेशन ऑफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने घोषणा कर दी कि काउंसलिंग में देरी होने पर देशभर में रेजिडेंट कार्य बहिष्कार करेंगे। जार्ड अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि केंद्र सरकार पीजी कॉउंसलिंग को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है। उन्होंने बताया कि अभी यह कार्य बहिष्कार अनिश्चितकाल के लिए चलेगा। मरीजों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार को नीट पीजी काउंसलिंग का मामला जल्दी निपटाने के बारे में कार्रवाई करना होगा।