scriptफूड डिलिवरी एप्स की अनहैल्दी प्रेक्टिस से परेशान शहर के रेस्तरां | Restaurants are in the mess due to food delivery apps unhealthy prac | Patrika News

फूड डिलिवरी एप्स की अनहैल्दी प्रेक्टिस से परेशान शहर के रेस्तरां

locationजयपुरPublished: Aug 21, 2019 02:02:48 pm

Submitted by:

Abhishek sharma

टेक्नोलॉजी ने जहां लाइफस्टाइल को आसान बनाया है, वहीं इसके जरिए होने वाला बिजनेस भी लोगों को सुविधा दे रहा है। पिछले कुछ सालों में फूड इंडस्ट्री में काफी डवलपमेंट देखने को मिल रहा है। इसका असर पिंकसिटी में भी देखने को मिल रहा है। एक्सपर्टस की मानें, पिछले कुछ सालों में जयपुर में लगातार कैफेज और रेस्टोरेंट्स की संख्या बढ़ रही है। इसकी एक वजह फूड डिलिवरी एप्स का होना भी माना जा रहा है। जयपुराइट्स फेसिलिटी, डिस्काउंट और ऑफर्स को ध्यान में रखते हुए फूड डिलिवरी एप्स का काफी यूज कर रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जोमैटो, ईजीडाइन, नियरबाय, मैजिकपिन जैसी फूड डिलीवरी एप्स की दिक्कतें बढऩे जा रही हैं। दरअसल देशभर की कैफेज और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सभी फूड डिलिवरी एप्स के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं दूसरी ओर फूड डिलिवरी एप्स ने भी कई रेस्टोरेंट्स और कैफेज को अपने प्लेटफॉर्म से डिलिंक कर दिया है।

online food order and delivery companies

online food order and delivery companies

टेक्नोलॉजी ने जहां लाइफस्टाइल को आसान बनाया है, वहीं इसके जरिए होने वाला बिजनेस भी लोगों को सुविधा दे रहा है। पिछले कुछ सालों में फूड इंडस्ट्री में काफी डवलपमेंट देखने को मिल रहा है। इसका असर पिंकसिटी में भी देखने को मिल रहा है। एक्सपर्टस की मानें, पिछले कुछ सालों में जयपुर में लगातार कैफेज और रेस्टोरेंट्स की संख्या बढ़ रही है। इसकी एक वजह फूड डिलिवरी एप्स का होना भी माना जा रहा है। जयपुराइट्स फेसिलिटी, डिस्काउंट और ऑफर्स को ध्यान में रखते हुए फूड डिलिवरी एप्स का काफी यूज कर रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जोमैटो, ईजीडाइन, नियरबाय, मैजिकपिन जैसी फूड डिलीवरी एप्स की दिक्कतें बढऩे जा रही हैं। दरअसल देशभर की कैफेज और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सभी फूड डिलिवरी एप्स के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं दूसरी ओर फूड डिलिवरी एप्स ने भी कई रेस्टोरेंट्स और कैफेज को अपने प्लेटफॉर्म से डिलिंक कर दिया है। फूड इंडस्ट्री में होने वाली इस हलचल को लेकर टेक्नो टीम ने की पड़ताल और जाना पूरा हाल
रेस्टोरेंट्स को हो रहा घाटा

अनहैल्दी प्रेक्टिस इसकी वजह मानी जा रही है। शहर के कैफेज और रेस्टोरेंट ओनर्स का कहना है कि फूड डिलिवरी एप्स सिंगल साइड बिजनेस को ही प्रिफरेंस दे रही है, जिसके चलते रेस्टोरेंट्स को घाटा हो रहा है। रेस्टोरेंट्स ओनर्स से मिली जानकारी के अनुसार एसोसिएशन की ओर से सभी चर्चित फूड डिलिवर एप्स को मेल किया गया है, जिसमें बिना रेस्टोरेंट कर्सन के डिस्काउंट अमाउंट तय करना, कमीशन चार्ज, लुक साइड, एग्रीमेंट वन साइड जैसे इश्यूज को रेज किया गया है। उल्लेखनीय है कि सभी फूड डिलिवरी एप्स को द फैडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया, कैफे एंड लाउंज वेलफेयर एसोसिएशन और नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से मेल किया गया है।
जयपुर से किसी ने नहीं किया लॉगआउट

एसोसिएशंस से मिली जानकारी के अनुसार, किसी भी रेस्टोरेंट और कैफेज ने जयपुर से किसी ने नहीं किया लॉगआउट नहीं किया है। वहीं दिल्ली और एनसीआर के कुछ रेस्टोरेंट्स ने इन प्लेटफॉर्म को छोड़ दिया है। द फैडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया, नॉर्थन चैप्टर (राजस्थान), मैनेजमेंट कमेटी मेंबर अजय अग्रवाल ने बताया कि प्रेसीडेंट की ओर से इस संबंध फूड डिलिवर एप्स को जानकारी दे दी गई है। कोशिश है कि फ्रूटफुल तरीके से ही समस्या का समाधान निकाला जाए। वहीं कैफे एंड लाउंज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट लक्ष्मण सिंघल ने बताया कि फूड डिलिवर एप्स को इश्यूज के बारे में जानकारी दे दी गई है। यदि प्रॉब्लम सॉल्यूशन नहीं होता तो टोटल बायकॉट किया जाएगा। हालांकि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि सभी ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म अपनी स्कीम्स या फीचर में बदलाव करने वाले हैं। यदि वे आकर्षक और मुनाफेवाली स्कीम लॉन्च करती हैं तो भारी छूट के चलते संकट में फंसे रेस्टोरेंट-कस्टमर इकोसिस्टम को समस्या से निकलने में मदद मिलेगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो