अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया ने बताया कि वित्त विभाग ने 30 अक्टूबर,2017 को अधिसूचना जारी की। जिससे राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 में संशोधन करके कांस्टेबल की ग्रेड-पे घटा दी थी। घटे हुए ग्रेड पे को एक जुलाई 2013 से लागू कर दिया। विभाग ने एक नवंबर,2017 से ज्यादा दिए गए वेतन की रिकवरी करने के आदेश जारी कर दिए। इसके लिए वित्त विभाग ने डीजीपी को पत्र लिखा और ज्यादा वेतन वसूल कर वापस राजकोष में जमा करने को कहा। अलग अलग याचिकाओं के जरिए 650 से ज्यादा याचिकाकर्ताओं ने अधिसूचना को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। जिसमें कहा कि किसी भी आदेश को पूर्व की तारीख से लागू नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि कर्मचारी के उपार्जित अधिकारों को किसी भी हाल में वापिस नहीं लिया जा सकता। इसलिए रिकवरी के आदेश अवैध, मनमाने हैं जिनको रद्द किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता कांस्टेबलों से ग्रेड पे के अनुसार निकाली गई रिकवरी पर रोक लगाते हुए जवाब तलब किया है।
यह है मामला
कांस्टेबल को अश्योर्ड केरियर प्रोगेशन यानि एसीपी के तहत 9 , 18 , 27 साल की सेवा पूरी करने के बाद 2400—2800—3600—4200 ग्रेड पे का लाभ दिया जाता है। इसी के तहत जिन कांस्टेबल को नौ साल की सेवा पूरी करने के बाद 2800 ग्रेड पे मिल रही थी उनको वापस 2400 और 18 साल की सेवा के बाद मिल रही 3600 ग्रेड पे को 2400 ग्रेड पे में किया गया और इसी तरह से 4200 ग्रेड पे कांस्टेबल को 2800 ग्रेड पे में करने के आदेश जारी किए गए थे। यानि हजारों कांस्टेबल से करोड़ों रुपए की वसूली आदेश जारी कर दिए गए।
कांस्टेबल को अश्योर्ड केरियर प्रोगेशन यानि एसीपी के तहत 9 , 18 , 27 साल की सेवा पूरी करने के बाद 2400—2800—3600—4200 ग्रेड पे का लाभ दिया जाता है। इसी के तहत जिन कांस्टेबल को नौ साल की सेवा पूरी करने के बाद 2800 ग्रेड पे मिल रही थी उनको वापस 2400 और 18 साल की सेवा के बाद मिल रही 3600 ग्रेड पे को 2400 ग्रेड पे में किया गया और इसी तरह से 4200 ग्रेड पे कांस्टेबल को 2800 ग्रेड पे में करने के आदेश जारी किए गए थे। यानि हजारों कांस्टेबल से करोड़ों रुपए की वसूली आदेश जारी कर दिए गए।