राजस्थान में 50 फीसदी से ज्यादा सरसों तेल मिलें बंद, जाने क्यों बंद हो रही हैं तेल मिलें
केन्द्र के राजस्व में बढ़ोतरी होगीवायदा बाजार फिर से शुरू करने से केन्द्र के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में देश के किसानों के पास सरसों, सोयाबीन एवं मूंगफली का स्टॉक करीब 90 लाख टन है। खरीफ सीजन की फसल में सोयाबीन एवं मूंगफली की पैदावार क्रमश: 130 लाख टन तथा 85 लाख टन के करीब होने का अनुमान है। आगामी रबी सीजन की सरसों एवं अन्य तिलहनों की पैदावार सहित हमारे पास अप्रैल तक करीब 350 लाख टन तिलहनों का स्टॉक रहेगा। यही कारण है कि सरकार को अभी से वायदा बाजार से रोक तुरंत प्रभाव से हटा लेनी चाहिए। वायदा कारोबार शुरू होते ही त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की कीमतों में स्थिरता देखने को मिलेगी। चतर ने बताया कि पूर्व में भारत सरकार ने सोयाबीन सीड एवं ऑयल, उड़द, चना, ग्वार, ग्वार गम तथा अरंडी आदि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन उचित समय पर सरकार ने निर्णय लेकर इनके वायदा बाजार को बहाल कर दिया था, जिसके परिणाम अनुकूल रहे। लिहाजा तेल तिलहन वायदा बाजार को भी शीघ्र शुरु करने की जरूरत है।