जयपुर

Futures Trading Oil and Oilseeds: तेल व तिलहन का वायदा कारोबार से हटे प्रतिबंध

भारतीय वायदा बाजार में खाद्य तेल तिलहन वायदा प्रतिबंधित होने से बाजार प्रतिभागी अपने मूल्य जोखिम प्रबंधन से पिछले करीब एक वर्ष से वंचित हैं, जो कि वर्तमान समय की आवश्यकता है। तेल तिलहन में वायदा व्यापार बंद होने से व्यापारी वर्ग या प्रोसेसर को अग्रिम सौदे करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

जयपुरSep 12, 2022 / 09:44 am

Narendra Singh Solanki

Futures Trading Oil and Oilseeds: तेल व तिलहन का वायदा कारोबार से हटे प्रतिबंध

भारतीय वायदा बाजार में खाद्य तेल तिलहन वायदा प्रतिबंधित होने से बाजार प्रतिभागी अपने मूल्य जोखिम प्रबंधन से पिछले करीब एक वर्ष से वंचित हैं, जो कि वर्तमान समय की आवश्यकता है। तेल तिलहन में वायदा व्यापार बंद होने से व्यापारी वर्ग या प्रोसेसर को अग्रिम सौदे करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नेशनल प्रेसिडेंट बाबूलाल डाटा एवं संयुक्त सचिव अनिल चतर ने भारत सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे ज्ञापन में कहा है कि 8 अक्टूबर 2021 को सरकार ने तेल-तिलहन जिंसों में अचानक से वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। डाटा ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि तेल व तिलहन पर वायदा कारोबार शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि वायदा बाजार पर रोक लगने से किसान असमंजस में हैं कि उनका माल किस भाव पर बिकेगा। इसी प्रकार उपभोक्ता को यह पता ही नहीं लगता कि उसे माल किस भाव पर खरीदना होगा।
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केन्द्र के राजस्व में बढ़ोतरी होगी
वायदा बाजार फिर से शुरू करने से केन्द्र के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में देश के किसानों के पास सरसों, सोयाबीन एवं मूंगफली का स्टॉक करीब 90 लाख टन है। खरीफ सीजन की फसल में सोयाबीन एवं मूंगफली की पैदावार क्रमश: 130 लाख टन तथा 85 लाख टन के करीब होने का अनुमान है। आगामी रबी सीजन की सरसों एवं अन्य तिलहनों की पैदावार सहित हमारे पास अप्रैल तक करीब 350 लाख टन तिलहनों का स्टॉक रहेगा। यही कारण है कि सरकार को अभी से वायदा बाजार से रोक तुरंत प्रभाव से हटा लेनी चाहिए। वायदा कारोबार शुरू होते ही त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की कीमतों में स्थिरता देखने को मिलेगी। चतर ने बताया कि पूर्व में भारत सरकार ने सोयाबीन सीड एवं ऑयल, उड़द, चना, ग्वार, ग्वार गम तथा अरंडी आदि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन उचित समय पर सरकार ने निर्णय लेकर इनके वायदा बाजार को बहाल कर दिया था, जिसके परिणाम अनुकूल रहे। लिहाजा तेल तिलहन वायदा बाजार को भी शीघ्र शुरु करने की जरूरत है।

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