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फिर आबाद होने लगे वर्षों पहले छोड़े गए गांव

locationजयपुरPublished: Jun 12, 2021 06:29:49 pm

Submitted by:

Archana Kumawat

बुला रही माटी: लॉकडाउन के बाद लौटने का सिलसिला

फिर आबाद होने लगे वर्षों पहले छोड़े गए गांव

फिर आबाद होने लगे वर्षों पहले छोड़े गए गांव

रोजगार और शिक्षा के लिए शहरों की ओर पलायन की खबरें आती रहती हैं, लेकिन बरसों पहले गांव छोड़कर जाने वाले लोग अब घरों को लौटने लगे हैं। हाल ही उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट देखें तो पिछले एक माह में राज्य में एक लाख से ज्यादा प्रवासी अपने घरों को लौटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक १०-१२ वर्षों में राज्य के १.१९ लाख लोगों ने गांव छोड़ा। करीब १७०० गांव पूरी तरह खाली हो चुके थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से ‘रिवर्स माइग्रेशनÓ हुआ है यानी लोग फिर अपने गांवों का रुख करने लगे हैं। पौड़ी जिले के चौंदली, थानूल, आलासू और बुटली आदि गांवों में कई परिवार लौट आए हैं। इस उम्मीद से कि यहां मूलभूत सुविधाएं बढऩे से विकास को गति मिलेगी और सूरत बदलेगी। अब ये लोग कृषि और प्रकृति से जुड़े पुश्तैनी कामों में रोजगार ढूंढ़ रहे हैं।
गांव लौटने वालों को देंगे सुविधाएं
दिल्ली से चौंदली गांव आने वाले जगदीश सिंह, मनमोहन सिंह और जगमोहन सिंह का कहना है कि अब वे यहीं रहकर खेती बाड़ी करेंगे, यहीं उनका मन लगता है। उधर उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि कोरोना के हालात सामान्य होते ही गांव लौटे लोगों के रोजगार और सुविधाओं पर ध्यान देंगे।
पौड़ी, अल्मोड़ा में लौटे सबसे ज्यादा प्रवासी
कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढऩे के बाद पिछले एक-डेढ़ महीने में पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों मेें सबसे ज्यादा प्रवासी अपने गांव लौट रहे हैं। 21 अप्रैल से 24 मई तक के आंकड़े देखें तो इस अवधि में उत्तराखंड के गांवों में कुल 1,07,027 प्रवासियों की वापसी हुई, जिनमें 55,483 पौड़ी व अल्मोड़ा जिलों के हैं।

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