बिना भर्ती दवा देकर भेज रहे
सीनियर डॉक्टर्स अस्पतालों में व्यवस्थाएं संभालने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन मरीजों की संख्या के आगे वे नाकाम साबित हो रहे हैं। स्थिति ये है कि गंभीर मरीजों के इलाज में भी देरी हो रही है। उन्हे भटना पड़ रहा है। ज्यादा गंभीर स्थिति न होने पर मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहाए उसे दवा देकर घर भेजा जा रहा है। वार्डों में भर्ती मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। क्योंकि उनकी सार संभाल रामभरोसे चल रही है। परिजन डॉक्टर से परामर्श के लिए घनचक्कर हो रहे हैं। इतना ही नहींए ऑपरेशन भी टाले जा रहे हैं।
चिकित्सक से ज्यादा जनता परेशान, गुमराह
प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसाइटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि यह क़ानून असल में चिकित्सकों और अस्पतालों से ज़्यादा नुकसान आम जानता को पहुंचाएगा। इस बिल में इमरजेंसी में केवल सर्प दंश जानवर द्वारा हमला या सड़क दुर्घटना को ही शामिल किया है। जबकि हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक आदि को शामिल नहीं किया। गलत प्रचार कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
महिला चिकित्सकों ने निकाली आक्रोश रैली
सुबह 11 बजे से सवाईमानसिंह अस्पताल (Sawai Man Singh Hospital) के जेएमए परिसर से महिला चिकित्सकों ने त्रिमूर्ति सर्कल तक आक्रोश रैली निकालकर विरोध जताया। इसमें सैकड़ों महिला चिकित्सक शामिल हुई। उन्होंने राइट टू हेल्थ बिल (RTH Bill) को लेकर सरकार के प्रति गहरा रोष जताया। उन्होंने सड़क पर कुछ देर जाम भी लगाया और बिल वापस न लेने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। शाम को चिकित्सकों ने अमर जवान ज्योति स्मारक पर कैंडल मार्च निकाला गया। मोबाइल की टॉर्च जलाकर चिकित्सकों ने विरोध जताया। शनिवार को भी एक रैली निकाली जाएगी।
कार्य बहिष्कार, प्रेक्टिस से इनकार
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिस्दाद्ध) ने बुधवार को सामूहिक कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। साथ दो घंटे का कार्यबहिष्कार शनिवार को भी जारी रखेंगे। उन्होंने प्राइवेट प्रेक्टिस भी इनकार किया है। इनके अलावा राजस्थान प्रदेश केमिस्ट एसोसिएशन (Rajasthan State Chemist Association) ने भी निजी चिकित्सक संगठनों को समर्थन दिया है। इसके अतिरिक्त अन्य सामाजिक संघटनों ने भी उनके समर्थन में पत्र जारी किया है।
फैक्ट फाइल
250 ऑपरेशन रोज होते थे एसएमएस अस्पताल में
100.150 ऑपरेशन हो रहे हड़ताल के कारण
12 हजार ओपीडी होती थी पहले
8 हजार मरीजों की ओपीडी है अभी
6 हजार जांचें होती थी पहले
4 हजार जांचें होे रही है हड़ताल के चलते
डॉक्टरों की हड़ताल के कारण इलाज पूरा नहीं करा पा रहे हैं। अभी गांव लौट रहे हैं। हड़ताल के बाद ही आएंगे। विकास गुप्ता, सीकर
तीन दिन से परेशान हो रहे हैं। ऑपरेशन होना है लेकिन डॉक्टर कह रहे हैं सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन ही होने हैं। रामबाबू वर्मा बस्सी