रिंग रोड प्रोजेक्ट: क्या है सरकार की डिमांड, कंपनी का दावा और जमीनी हकीकत
— चुनाव से पहले रिंग रोड का फीता काटना चाहती है वसुंधरा सरकार

सरकार की डिमांड: 15 अगस्त तक पूरा करो ट्रेफिक कॉरिडोर
दावा : गावर कंपनी का क्लेम 15 अगस्त तक बना देंगे कॉरिडोर
हकीकत: एक साइड का 10 किमी ट्रेक ही बना, सिर्फ 20 प्रतिशत काम हुआ
जयपुर। राजधानी जयपुर के ड्रीम प्रोजेक्ट रिंग रोड कब तक बन पाएगी, इसे लेकर अलग—अलग डैडलाइन सामने आ रही है। इसी साल के आखिर में चुनाव का सामना करने जा रही राज्य सरकार ने एनएचएआई और ठेकेदार कंपनी गावर को 15 अगस्त 2018 तक मुख्य ट्रेफिक कॉरिडोर का निर्माण पूरा करने के लिए कहा है। सरकार की इस डिमांड पर नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एनएचएआई) की ठेकेदार कंपनी गावर ने भी 15 अगस्त तक 47 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर बनाने का दावा किया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है।
हकीकत: 70 दिन में 10 किमी बना, 68 दिन में बनाना है 37 किमी
रिंग रोड प्रोजेक्ट की आगरा रोड से वाया टोंक रोड होते हुए अजमेर रोड तक कुल 47 किलोमीटर लम्बाई के कॉरिडोर में 2 ट्रेक बनने हैं।एनएचएआई से जेडीए का एमओयू होने के बाद गावर कंपनी को प्रोजेक्ट का जिम्मा सौंपा गया। कंपनी ने मार्च के दूसरे सप्ताह में रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम शुरू कर दिया। 15 मार्च से लेकर 24 मई तक गावर कंपनी ने एक साइड में 10 किलोमीटर ट्रेक बनाया है। कंपनी ने अब तक 29 किलोमीटर लम्बाई में ड्राय लिंक कंक्रीट (डीएलसी) बिछाया है। इसमें से 10 किलोमीटर लम्बाई में पेवमेंट क्वालिटी कंट्रोल (पीक्यूसी) बिछा दिया है। जितनी दूरी में पीक्यूसी बिछा दिया गया है, उतनी दूरी तक रिंग रोड के ट्रेफिक कॉरिडोर का निर्माण हो चुका है। यानी गावर कंपनी ने 15 मार्च से 24 मई तक 70 दिन में 10 किलोमीटर कॉरिडोर का निर्माण किया है। जबकि 15 अगस्त की डैडलाइन में बाकी बचे 68 दिनों में 37 किलोमीटर कॉरिडोर बनाना है, ये हकीकत है।
गर्मी के कारण आधी रह गई है स्पीड
एनएचयूआई ने जब मार्च में रिंग रोड का काम शुरू किया था, उस समय गर्मी ज्यादा नहीं थी, इसलिए दिन और रात के समय अलग—अलग शिफ्ट में काम चलता था। मई में गर्मी बढ़ने पर दिन में तापमान भी बढ़ गया, इससे दिन के समय काम करना मुश्किल हो गया। मई के पहले सप्ताह से कंपनी दिन में रिंग रोड बनाने का काम नहीं कर पा रही है। अब सिर्फ रात के समय ही सीमेंट—कंक्रीट बिछाने का काम होता है। अब रात की शिफ्ट में रोजाना 700 से 750 मीटर तक पीक्यूसी बिछाया जा रहा है। रिंग रोड के 47 किलोमीटर कॉरिडोर में से एक साइड के पूरे 47 किलामीटर और जिस साइड का काम चल रहा है उसके बाकी बची 22 किलोमीटर दूरी में जीएसपी और डीएलसी का काम बाकी है। ऐसे में गावर कंपनी का 15 अगस्त तक कॉरिडोर बनाने का दावा हकीकत की जमीन पर बेहद मुश्किल नजर आता है। 15 अगस्त तक कॉरिडोर बनाने के लिए कंपनी को तिगुनी स्पीड से काम करना होगा, भीषण गर्मी सीमेंटेड कॉरिडोर निर्माण में सबसे बड़ी बाधा बन रही है। दिन में सीमेंटेड कॉरिडोर बनाने पर उसमें दरारें आ जाती है।
580 एमएम मोटी है सीमेंट—कंक्रीट रोड
रिंग रोड का सीमेंट—कंक्रीट कॉरिडोर 580 एमएम यानी एक फीट 10 इंच मोटाई में बन रहा है इसमें सबसे निचली परत जिसे तकनीकी भाषा में जीएसपी कहा जाता है उसकी मोटाई 150 एमएम है। जीएसपी पर 150 एमएम मोटाई में ड्राई लिंक कंक्रीट की परत बिछाई जा रही है, जिसे तकनीकी भाषा में डीएलसी कहा जाता है। सबसे उपर 280 एमएम मोटाई में पेवमेंट क्वालिटी कंट्रोल (पीक्यूसी) की परत बिछाई जा रही है।
क्या कहते हैं इंजीनियर —
नगरीय विकास विभाग के एसीएस ने हाल ही में रिंग रोड प्रोजेक्ट का दौरा किया था। उन्होंने 15 अगस्त तक ट्रेफिक कॉरिडोर बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि 15 अगस्त के दिन इसका उद्घाटन किया जा सके। कॉरिडोर का काम 15 अगस्त तक पूरा कर दिया जाएगा। गावर कंपनी ने गुरूग्राम में 30 महीने में बनने वाले फ्लाइओवर को 11 महीनों में ही बना दिया था। इसलिए रिंग रोड का कॉरिडोर भी 15 अगस्त तक बना देंगे।
अनुराग राजपूत, साइट इंजीनियर, गावर कंपनी
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