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खतरनाक है सीधे सिर पर पानी डालना

locationजयपुरPublished: Nov 17, 2019 07:23:22 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Risk of Stroke : जयपुर . वैसे तो Summer Days में सीधे Head पर Water डालकर नहाना आम बात है। लेकिन Winter में इस तरह से नहाने से आप Stroke तक के शिकार हो सकते हैं। वहीं अगर कड़ाके की सर्दी में तेज कंपकंपी के साथ दांत भी किटकिटाने लगे तो यह भी सिर्फ Fever के लक्षण नहीं हैं, इससे स्ट्रोक का Danger भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब हमारे शरीर का Temperature काफी नीचे चला जाता है।

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लाइफ स्टाइल में बदलाव के चलते बढ़ रहे ब्रेन स्ट्रोक के केस, सर्दियों में आंकड़े डबल होने की आशंका

risk of stroke : जयपुर . वैसे तो गर्मियों के दिनों ( summer days ) में सीधे सिर ( Head ) पर पानी ( water ) डालकर नहाना आम बात है। लेकिन सर्दी में इस तरह से नहाने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। गलत तरीके से नहाने से आप स्ट्रोक ( Stroke ) तक के शिकार हो सकते हैं। वहीं अगर कड़ाके की सर्दी में तेज कंपकंपी के साथ दांत भी किटकिटाने लगे तो यह भी सिर्फ बुखार ( fever ) के लक्षण नहीं हैं, इससे स्ट्रोक का खतरा ( Danger ) भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब हमारे शरीर का तापमान ( temperature ) काफी नीचे चला जाता है, जिससे मरीज कोल्ड स्ट्रोक का शिकार हो जाता है।

खतरनाक है सीधे सिर पर पानी डालना -:
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पृथ्वी गिरी ने बताया कि ठंड के मौसम में जब सिर पर ठंडा पानी पड़ता है तो इससे ब्रेन में एड्रनलिन हार्मोन तेजी से बनता है जो तापमान को नियंत्रित करने का काम करता है। इस हार्मोन के तेजी से बनने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। बीपी बढऩे से दिमाग में रक्त संचार तेज हो जाता है जिससे नहाते समय ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है। इसीलिए सर्दियों में नहाते वक्त पहले हाथ-पैरों पर पानी डालें, जिससे शरीर मानसिक रूप से तैयार हो जाता है और बीपी संतुलित रूप से बढ़कर स्नान के दौरान आपको सुरक्षित रखता है।

दांतों का किटकिटाना भी खतरे की घंटी -:
जब सर्दी से शरीर का तापमान काफी नीचे चला जाता है तो उस स्थिति को हाइपोथर्मिया कहते हैं। शरीर के तापमान में 1.8 डिग्री की गिरावट बहुत खतरनाक मानी जाती है और इस स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। जब मरीज को ज्यादा कंपकंपी के साथ उसके दांत किटकिटाने लगे तो हाइपोथर्मिया के संकेत होते हैं और इसी समय रोगी को तुरंत गर्मी देने का प्रयास करना चाहिए।
इलाज में देरी से बढ़ सकती है अपंगता -:
डॉ. गिरी ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक होने पर रोगी को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना चाहिए क्योंकि देरी की वजह से खून का थक्का दिमाग की दूसरी कोशिकाओं और हिस्से तक पहुंचता है, जिससे मरीज के कोमा में जाने का खतरा 70 प्रतिशत अधिक हो जाता है। सर्दी में नहाते वक्त अचानक बेहोशी को हल्के में न लें और मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिए। इस समय की लापरवाही मरीज की जान भी ले सकती है।

इन्हें अधिक खतरा -:
सर्दियों में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटे लोगों और हृदय रोगी को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। डॉयबिटीज के मरीजों को स्ट्रोक का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है। इसके अलावा 55 साल से अधिक उम्र के लोगों को, गर्भनिरोधक या हार्मोन्स की दवा लेने वाले व्यक्ति को, जन्मजात रक्तवाहिनी रोगी को, नियमित सिगरेट व शराब का सेवन करने वाले लोगों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।

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