पूनियां ने कहा कि गहलोत सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक जरूरतमंद को दिए जा रहे राशन और चिकित्सा सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने में भी राजनीति की। राजस्थान में विगत दिनों में कोरोना संक्रमण और मौतों का आंकड़ा किस तरीके से बढ़ा है, वो जनता के सामने है, इसलिए मुख्यमंत्री अपनी कमजोरियां छुपाने के लिए इस तरीके की बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि हालात यह है कि गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री खुद कोरोना पाॅजिटिव होकर भी आरयूएचएस का दौरा करते हैं और उसके दूसरे ही दिन आॅक्सीजन की कमी से कई कोरोना मरीज काल कलवित हो जाते हैं, ऐसी दर्दनाक घटनाएं राजस्थान की बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलती हैं। डाॅ. पूनियां ने गहलोत के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि धनबल और बाहुबल से सत्ता बचाने का खेल कांग्रेस की संस्कृति है, जो कि हाल ही में राजस्थान की जनता ने देखा, भाजपा इस तरह के किसी भी षडयंत्र में शामिल नहीं थी, यह कांग्रेस के घर का अन्दरूनी झगड़ा था, उनकी पार्टी का विग्रह था, जिसको कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री गहलोत संभाल नहीं पाये।