दरअसल प्रदेश की तीन राज्यभा सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया 6 मार्च को शुरू हुई थी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 13 मार्च थी 16 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच हुई थी, राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवारों की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किये गये थे, जांच में सभी नामांकन पत्र सही पाये गये थे। ओंकार सिंह लखावत का पर्चा वापस नहीं लेने के चलते 26 मार्च को तीन सीटों पर मतदान तय था, लेकिन इसी बीच कोरोना संकट और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव स्थगित कर दिए थे।
ये है वोटों का गणित प्रदेश की तीन सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर पूरे 200 विधायकों के वोट हैं। प्रदेश की इन तीनों सीटों की बात करें तो हर एक सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के लिए 51 वोट चाहिए। कांग्रेस के पास है 107 विधायकों के वोट हैं तो भाजपा के पास है 72 विधायकों के वोट हैं। कांग्रेस के पास 13 निर्दलियों में से अधिकतर का समर्थन भी है। अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायक की संख्या 21 है।
2 सीटों पर कांग्रेस, एक सीट बीजेपी को तय फॉर्मूले के अनुसार कांग्रेस को 2 सीट जीतने के लिए 102 वोट चाहिए जो कि पर्याप्त रूप से उसके पास हैं। वहीं भाजपा के पास सदन में 72 विधायक हैं, ऐसे में प्रथम वरीयता के 51 वोट चाहिए लिहाजा भाजपा के खाते में भी एक सीट आने वाली है। हालांकि भाजपा ने ओंकार सिंह लखावत का पर्चा वापस न लेकर मतदान कराए जाने की स्थिति पैदा कर दी।