दरअसल, सांसद हुनमान बेनीवाल मौजूदा लोकसभा सत्र के चलते आज नई दिल्ली में ही हैं। लोकसभा में कृषि बिलों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण चर्चा जारी है, ऐसे में सांसद बेनीवाल ट्रेक्टर परेड में शामिल नहीं हो रहे हैं।
गौरतलब है कि सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में पुरजोर और आक्रामक तरीके से कृषि कानूनों का विरोध जता रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति अभिभाषण और वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान भी सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर विरोध दर्ज करवाया था।
रालोपा का ‘शक्ति प्रदर्शन’!
रालोपा का ये ट्रेक्टर परेड वैसे तो किसान आंदोलन को मजबूती देने और किसानों के पक्ष में माहौल बनाने का के मकसद से होना बताया जा रहा है, लेकिन सियासी गलियारों में इसे पार्टी के ‘शक्ति प्रदर्शन’ के तौर पर भी देखा जा रहा है।
दरअसल, प्रदेश में आगामी दिनों में चार सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव को लेकर भी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। सभी दल किसान आंदोलन के मौजूदा परिस्थितियों को भुनाकर अपनी सियासी ज़मीन मजबूत करने के इरादे में हैं।
जयपुर में यहाँ-यहाँ से निकलेगी ‘ट्रेक्टरों की परेड’
ट्रेक्टर परेड के तहत जयपुर की सडकों पर भी बड़ी संख्या में रालोपा कार्यकर्ता ट्रेक्टरों पर सवार होकर किसानों की ‘ताकत’ का अहसास करवाएंगे। तय रूट के मुताबिक़ रालोपा कार्यकर्ता और किसान मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के नज़दीक अपने-अपने ट्रेक्टरों के साथ एकजुट होंगे। फिर यहाँ से ट्रेक्टरों का काफिला 200 फुट बायपास, अजमेर रोड, एलिवेटेड रोड, विधायकपुरी थाने और खासा कोठी सर्किल से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचेगा।
जिला कलक्टर को ज्ञापन देने के बाद ट्रेक्टर परेड आगे की ओर चिंकारा कैंटीन, पानीपेच चौराहा, चोमू पुलिया और सीकर रोड होते हुए 14 नम्बर बायपास पर संपन्न होगा। जिला अध्यक्ष करेंगे अगुवाई
ये पहली बार है जब रालोपा के बैनर तले सभी के सभी 33 जिलों में ट्रेक्टर परेड का आयोजन किया जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व सांसद हनुमान बेनीवाल ने जिलों में ट्रेक्टर परेड के आयोजन की कमान जिला अध्यक्षों को सौंपी है। उन्हीं की अगुवाई में सम्बंधित जिलों में ट्रेक्टर परेड निकाली जा रही है।
कानून वापसी तक घर वापसी नहीं
उधर, अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर भी रालोपा पार्टी का सांसद हनुमान बेनीवाल की अगुवाई में पड़ाव जारी है। वहां 26 दिसंबर 2020 से शुरू हुए पड़ाव में सैंकड़ों की संख्या में किसान-युवा और पार्टी समर्थक किसान आंदोलन के समर्थन में बैठे हुए हैं।
सांसद बेनीवाल भी कह चुके हैं कि किसानों के मान-सम्मान के लिए कृषि बिलों की वापसी तक आंदोलन को समर्थन जारी रहेगा। गौरतलब है कि रालोपा सांसद ने संसद में भी राष्ट्रपति अभिभाषण और वित्त मंत्री के बजट भाषण पर भी अपना विरोध दर्ज करवाते हुए कृषि बिलों को वापिस लेने की पुरजोर मांग उठाई है।