जयपुर

अधिकारी एक-दूसरे को फोन करते रहे, नहीं मिली समय पर मदद, थम गई हादसे में घायल की सांसें

साइकिल सवार को बस ने कुचला

जयपुरApr 22, 2019 / 03:02 pm

pushpendra shekhawat

अधिकारी एक-दूसरे को फोन करते रहे, नहीं मिली समय पर मदद, थम गई हादसे में घायल की सांसें

जयपुर। सड़क पर कोई भी हादसा हो, पहले तुरन्त घायल को मदद पहुंचाएं। यह हर कोई जानता है और अदालत ने भी इसके लिए निर्देश दिए हैं। लेकिन रविवार सुबह अफसरों ने ऐसी ‘मदद’ की कि घायल युवक की सांसें आखिर जवाब दे गईं। अफसर सीधे 100 नम्बर पर फोन करने की बजाय एक-दूसरे को सूचना देते रहे। नियति ने सांसें बचाने के लिए जो समय दिया, वह इसी में निकल गया और युवक बच नहीं पाया।
 

हुआ यों कि सोडाला में गली नंबर चार में रहने वाला 22 वर्षी मनीष कटारिया सुबह छह बजे साइकिल से ज्योति नगर स्थित दुकान पर जा रहा था। इस दौरान बाईस गोदाम सर्कल पर रामबाग से सोडाला की तरफ जा रही बस ने उसे कुचल दिया। मनीष के मामा राकेश ने बताया कि बीमारी के कारण मनीष के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। मनीष के तीन बहनें, एक छोटा भाई है। अब परिवार की जिम्मेदारी मनीष की मां पर आ गई है।

अफसरों का रवैया, ऐसे की ‘मदद’
– जब हादसा हुआ, एक आइएएस अफसर बाईस गोदाम सर्कल से गुजर रहे थे। उन्होंने सचिवालय के एक आला अधिकारी को सूचना दी कि फलां जगह हादसा हुआ है।
– सचिवालय के आला अधिकारी ने पुलिस कमिश्नरेट में किसी अधिकारी को बताया।
– पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारी ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर (प्रशासन) अजयपाल लांबा को बताया।
– लांबा ने कन्ट्रोल रूम के जरिए संबंधित थाना पुलिस को घटनास्थल भेजा।
– अफसरों के इस ‘सूचना तन्त्र’ के कारण आधे घंटे का समय लग गया। पुलिस युवक की सांसें बचाने के लिए नहीं बल्कि पोस्टमार्टम के लिए ही अस्पताल ले जा पाई।

होना यह चाहिए था

हर कोई जानता है 100 नम्बर पर बताना चाहिए, सूचना सीधे पुलिस कन्ट्रोल रूम को दी जानी चाहिए थी। इससे पांच से दस मिनट में ही संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंच सकती थी।

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