पुलिस ने बताया कि मंगलवार सुबह 7.30 बजे बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली विद्याधरनगर से शास्त्रीनगर टंकी के पास जा रही थी। हादसा कांवटिया सर्कल के पास तिवाड़ी भवन के सामने तिराहे पर हुआ। सामने ऑटो आया तो चालक ने बे्रक लगाए लेकिन रफ्तार अधिक होने के कारण ट्रैक्टर ट्रॉली बेकाबू हो गई और ऑटो से टकरा गई। फिर विद्युत पोल तोड़ती हुई पेड़ से टकराई और पलट गई। सड़क किनारे उक्त पेड़ के नीचे बंबाला (सेक्टर-5 प्रतापनगर) निवासी 35 वर्षीय मनीष बाइक खड़ी कर बैठा था। कुछ फीट दूर कॉलेज में उसकी पत्नी राधा एमए फाइनल की परीक्षा दे रही थी। प्रतापनगर में कपड़े की दुकान चलाने वाला मनीष इसी इन्तजार में बैठा था कि परीक्षा समाप्त होगी और वह पत्नी को लेकर घर लौटेगा लेकिन मौत सिर पर आ गिरी। वहां एक अन्य बाइक चालक भी खड़ा था, जो ट्रैक्टर ट्रॉली को बेकाबू देख बाइक से कूद गया और बाल-बाल बचा।
भाग गया चालक ट्रैक्टर ट्रॉली इतनी स्पीड में थी कि बिजली का पोल टूट गया। मनीष और वहां खड़ी 3 बाइक ट्रॉली व बजरी के नीचे दब गए। सिविल डिफेंस टीम ने लोगों की मदद से उन्हें निकाला। पुलिस ने मनीष को कांवटिया अस्पताल पहुंचाया लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत बताया। तीन में से एक बाइक तो चकनाचूर हो गई। हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर भाग गया। इस बीच सड़क पर बजरी बिखरने के कारण एक-डेढ़ घंटे तक आवागमन प्रभावित रहा।
दोगुनी गति से दौड़ती हैं ट्रैक्टर ट्रॉलियां
हादसे के बाद मौके पर जुटे लोगों का कहना था कि ट्रैक्टर ट्रॉलियां 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अधिक नहीं चलनी चाहिए लेकिन शहर की सड़कों पर दोगुनी गति से दौड़ती हैं। व्यस्त मार्गों पर पीक समय में भी ट्रैक्टर ट्रॉलियों को बेखौफ दौड़ते देखा जा सकता है।
हादसे के बाद मौके पर जुटे लोगों का कहना था कि ट्रैक्टर ट्रॉलियां 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अधिक नहीं चलनी चाहिए लेकिन शहर की सड़कों पर दोगुनी गति से दौड़ती हैं। व्यस्त मार्गों पर पीक समय में भी ट्रैक्टर ट्रॉलियों को बेखौफ दौड़ते देखा जा सकता है।