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जिस दिन शादी के बंधन में बंधे थे, उसी दिन छूट गया साथ, दो परिवारों में मच गया कोहराम

locationजयपुरPublished: Jun 24, 2019 12:09:17 pm

Submitted by:

dinesh

Road Accident In Rajasthan : ऐसा लग रहा था मानो कार हवा में है…

road accident
जयपुर। road accident t In Rajasthan ‘हम दोनों दोस्तों को कहीं घूमने का बहुत ही कम समय मिलता है। 22 जून को मेरी शादी की सालगिरह थी और दो दिन की छुट्टियां थीं तो शुक्रवार को ही अमृतसर ( Amritsar ) जाने का प्लान ( Family Trip ) बनाया।
सोचा था स्वर्ण मंदिर ( Golden Temple ) में मत्था टेक कर शादी की सालगिरह सेलिब्रेट करेंगे, लेकिन……।’ यह कहते कहते सचिन की आंखें भर आईं। दोस्त लोकेश भी बेटे को याद करते हुए गमगीन हो गया।
गोपालपुरा बायपास स्थित सीताबाड़ी कॉलोनी निवासी सचिन त्रिवेदी पत्नी रचना त्रिवेदी, बेटी आध्या, भाई का लडक़ा फागुन और अपने दोस्त लोकेश अग्रवाल उसकी पत्नी सपना अग्रवाल, पुत्र आरव और विहान के साथ जयपुर से 21 जून की शाम को इनोवा कार में अमृतसर के लिए निकले थे। Hanumangarh जिले के धन्नासर रोही में 22 जून की सबह 4 बजे उनकी कार का ट्रोले से एक्सीडेंट ( Car Accident ) हो गया, जिसमें रचना और आरव की मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया। परिजन शोक संतप्त हैं।
नियति को कुछ और ही था मंजूर
सचिन ने बताया कि 21 जून की शाम को सभी कार में बैठकर अमृतसर के लिए रवाना हुए। सभी बहुत खुश थे। बहुत दिनों के बाद घूमने जा रहे थे। सभी के चेहरे पर खुशी थी। सोचा था कि अमृतसर से वापस आते समय जीर्णमाता, सालासर में दर्शन करते हुए घर आएंगे। नियति को कुछ और ही मंजूर था। पता नहीं खुशियों को किसकी नजर लग गई। कभी सोचा भी नहीं था कि जिस दिन शादी के बंधन में बधे उसी दिन साथ छूट जाएगा।
ऐसा लग रहा था मानो कार हवा में है
सचिन और लोकेश ने बताया कि 21 जून की रात 12.30 बजे लक्ष्मणगढ़ में खाना खाया था। पल्लू एक जगह है वहां की चाय प्रसिद्ध है, तो सोचा वहां चाय पीएंगे। रात 3.15 बजे पल्लू में गाड़ी रुकवाई। गाड़ी में सब सो रहे थे। हमने चाय पी और ड्राइवर पूर्णाराम को नींद आ रही थी तो वह भी सो गया। हम दोनों गाड़ी से बाहर बातें कर रहे थे। कुछ देर बाद ड्राइवर उठा तो उसको हमने पूछा कि गाड़ी चलाने की स्थिति में तो हो, तो उसने हां कह दिया और हाथ मुंह धोकर चल गाड़ी स्टार्ट कर चल दिए। गाड़ी में हम सब सो रहे थे। गहरी नींद में थे। एकदम से ऐसा लगा गाड़ी हवा में घूम रही है। गाड़ी के कांच उछलकर चेहरे पर आ गए।
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