स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़कों पर आए दिन वाहन खराब हो रहे हैं। गड्ढे में वाहनों के फंसने से कई बार वाहन खराब हो जाते हैं। ऐसे में वाहनों की मरम्मत में भी खर्चा बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि मौसम सही होने के बाद भी पेचवर्क पेचवर्क नहीं किया जा रहा है। सडक़ों में हुए बड़े-बड़े गड्ढों के कारण उनके बीच हिचकौले खाते हुए गुजरना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। नगरपरिषद और पीडब्ल्यूडी शहर की सड़कों के पेचवर्क कराने का दावा कर रहे थे, लेकिन अब मौसम सही होने के बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।
इधर, अजमेर में भी यही हाल है। मानसून की बरसात शहर की सडक़ों को गहरे ‘जख्म’दे गई है। इन जख्मों से ‘दर्द’वाहन चालकों को झेलना पड़ रहा है। बरसात से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का पेचवर्क नहीं होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग का दावा रहा कि 15 सितम्बर के बाद शहर की सडक़ों का पेचवर्क शुरू होगा, लेकिन 18 दिन बाद भी पेचवर्क सड़कों पर नजर नहीं आ रहा है। मामले में आश्चर्यजनक तथ्य ये भी है कि अभी तक विभाग को पेचवर्क के लिए मुख्यालय से बजट ही नहीं मिला है। विभाग ने पेचवर्क के लिए 1 करोड़ का बजट मांगा था। इतना ही नहीं, कुछ जगहों पर पेचवर्क के नाम कुछ गड्ढों को भरा है,लेकिन यह भी खानापूर्ति ही साबित हुआ है।
-ये हैं सड़कों के हाल 15 सितंबर के बाद से होना था काम
190 किमी में से 100 किमी सड़क खस्ताहाल
50 किमी सड़क मरम्मत का विभाग का दावा
50 किमी सड़कों को पेचवर्क का इंतजार
37 सडक़ें हैं शहर में पीडब्ल्यूडी के पास