रोडवेज सयुंक्त मोर्चा के अनुसार बीते रविवार को रोडवेजकर्मियों ने भीख मांगकर 3364 रुपए एकत्रित किए हैं जिसे आज मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराया जाएगा। रोडवेज बसों का बीते 14 दिन से चक्काजाम है और आमजनता परेशान है बावजूद इसके सरकार की हठधर्मिता के चलते अब तक रोडवेज हड़ताल बेनतीजा रही है। हड़ताल के 15वें दिन आज भी सरकार की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं हुई है।
आज रोडवेज स्थापना दिवस पर रोडवेजकर्मी दोपहर दो बजे सिंधी कैंप बस स्टैंड पर ध्वाजारोहण कर स्थापना दिवस मनाएंगे। रोडवेज बसों के चक्काजाम से बीते 14 दिन में रोडवेज को करीब 55 करोड़ रुपए से ज्यादा आय का नुकसान हो चुका है। सिंधी कैंप बस स्टैंड से रोजाना रवाना होने वाली 1300 बसों के चक्के थमे हुए हैं और एक दिन की औसत आय करीब 35 लाख रुपए की गणना में अब तक करीब पौने 3.50 करोड़ रुपए आय का नुकसान हो चुका है। अब भी सरकार और रोडवेजकर्मियों के बीच हड़ताल पर सुलह के आसार बनते नजर नहीं आ रहे हैं। रोडवेज बेड़े की 4710 बसें रोजाना करीब 16.50 लाख किलोमीटर दूरी तय करती हैं। जिनमें करीब 10.5 लाख से ज्यादा यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। प्रदेश समेत 11 अन्य राज्यों में भी रोजाना राजस्थान रोडवेज बसों का संचालन होता है। रोजाना बसों के संचालन से रोडवेज को प्रदेशभर से रोजाना करीब 5.30 करोड़ रुपए आय होती है। बीते 14 दिनों से बसों का संचालन ठप होने से रोडवेज को करीब 55 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
50 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों का आमरण अनशन शुरू
बीते 11 दिनों से मानसरोवर के शिप्रा पथ मैदान पर चल रहा मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव आज भी जारी रहा है। रविवार को महापड़ाव में कर्मचारियों के परिजन भी धरनास्थल पर बैठे वहीं कर्मचारियों ने मांगो पर सुनवाई नहीं होने पर आज से आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के 122 विभागों के कर्मचारी बीते 11 दिन से महापड़ाव डाले हुए हैं। सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप है वहीं आज प्रदेश के करीब आठ लाख कर्मचारियों के सितंबर माह का वेतन जारी होने पर भी संकट मंडरा रहा है।
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर आज से मंत्रालयिक कर्मचारी मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। महासंघ प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना के अनुसार मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करने सरकार ने इस संवर्ग के कर्मचारियों को आंदोलन की राह पर धकेला है। कर्मचारी महापड़ाव स्थल पर डटे हुए हैं और मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन जारी रहेगा। आज महापड़ाव स्थल पर करीब 5 हजार कर्मचारी एक साथ आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
बीते 11 दिनों से मानसरोवर के शिप्रा पथ मैदान पर चल रहा मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव आज भी जारी रहा है। रविवार को महापड़ाव में कर्मचारियों के परिजन भी धरनास्थल पर बैठे वहीं कर्मचारियों ने मांगो पर सुनवाई नहीं होने पर आज से आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के 122 विभागों के कर्मचारी बीते 11 दिन से महापड़ाव डाले हुए हैं। सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप है वहीं आज प्रदेश के करीब आठ लाख कर्मचारियों के सितंबर माह का वेतन जारी होने पर भी संकट मंडरा रहा है।
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर आज से मंत्रालयिक कर्मचारी मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। महासंघ प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना के अनुसार मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करने सरकार ने इस संवर्ग के कर्मचारियों को आंदोलन की राह पर धकेला है। कर्मचारी महापड़ाव स्थल पर डटे हुए हैं और मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन जारी रहेगा। आज महापड़ाव स्थल पर करीब 5 हजार कर्मचारी एक साथ आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।