फिर 26 अप्रेल को वनीता एक अन्य लडक़ी मनीषा और जलगांव की दो मध्यस्थ ज्योति और मीनाक्षी को लेकर बांसवाड़ा आई। मनीषा उसे और परिजनों को समझ आ गई तो अगले दिन कोर्ट में उससे शादी करवाई गई। इस शादी के लिए वनीता और ज्योति ने दो लाख रुपए लेने की बात कही थी, इसलिए शादी के बाद डील के मुताबिक उन्होंने उक्त रकम दी तो तीनों मध्यस्थ चले गए।
इसके बाद 3 मई को मनीषा से उसकी मंदिर में सामाजिक रस्मों के साथ शादी हुई। अगले दिन वे कुलदेवता को धोक देने गए और 5 मई की शाम को वापसी की। थकान के चलते सभी घर लौटकर सो गए। इसी बीच, मनीषा घर से मंगलसूत्र, पायल आदि सामान लेकर भाग गई। काफी तलाश पर भी उसका कुछ पता नहीं चला तो फोन पर वनीता, मीनाक्षी और ज्योति से बात करने के प्रयास किए, लेकिन कोई रेस्पांस नहीं मिला। तब धोखे का अहसास हुआ। मामले में सीआई रतनसिंह चौहान ने बताया कि उमेश ने शादी के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में दुल्हन और मध्यस्थों के खिलाफ रिपोर्ट दी है। कानूनी कार्रवाई के आग्रह पर जांच हैड कांस्टेबल भूलसिंह के जिम्मे की गई। पुलिस आरोपियों की तलाश में है।