ऐसे काम आती है यह बतख
इलाज के दौरान बच्चों की एक लयबद्ध धड़कन मापने के लिए बतख दिल के धड़कने की आवाज की नकल कर सकती हैं। इससे बच्चा शांत हो जाता है और डॉक्टर आसानी से धड़कनों की जांच कर लेते हैं। ऐसे ही जब बच्चों को इंजेक्शन लगाने या दवा खिलाने की जरुरत होती है तो बतख के साथ खिलौना सीरिंज को आसानी से जोड़ा जा सकता है। इससे बच्चे को यह समझाने में मदद मिलती है कि बतख की तरह उसे भी दवा ,खाने या इंजेक्शन लगावाने की जरुरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुई की चुभन से बच्चे का ध्यान बंटाने में भी बतख कारगर है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य संगठन के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. जो बेयूर का कहना है कि बच्चों के इलाज के दौरान यह बतख चिकित्सक और बच्चों को भावनात्मक सहयोग देती है। इतना ही नहीं यह बच्चों को इलाज की समझ भी देती है।
सालाना 15 हजार कैंसर मरीज
अमरीकन चाइल्डहुड कैंसर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक अमरीका में सालाना १५ हजार से अधिक बच्चों और किशोरों में कैंसर का पता चलता है। बीमा कंपनी अफ्ला देश भर के लगभग 200 अस्पतालों को अब तक चार हजार से अधिक रोबोटिक बत्तख दान की हैं। बतख को बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए एक साथी के रूप में तैयार किया गया है। रोबोट डक में कई प्लास्टिक इमोजी हैं। प्रत्येक इमोजी एक अलग भावना को प्रदर्शित करती है। जब बत्तख की छाती पर उल्टी रखी जाती है तो रोबोट हंसी और उदासी भरी ध्वनि निकालकर भावनाओं को व्यक्त करती है। अब चार साल के हो चुके सावी इस बतख के माध्यम से अपने माता-पिता और डॉक्टर्स को यह बता पाता है कि वह कैसा महसूस कर रहा है।