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यह रोबोटिक डक बताती है कैंसर पीडि़त बच्चों के दिल की बात

locationजयपुरPublished: Jun 29, 2019 08:32:27 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

यह एक बीमा कंपनी की रोबोटिक मशीन थी जो एक बतख की शक्ल में थी। बतख इसा कंपनी का लोगो भी थी। बीमा कंपनी ने रोबोटिक खिलौने बनाने वाली कंपनी स्प्राउटल के साथ साझेदारी में इसे बनाया था। इस सोशल रोबोट का नाम ‘माय स्पेशल एफ्लक डक’ है। इस खिलौना बतख में बहुत संवेदनशील सेंसर लगे हुए हैं जो छूते ही सक्रिय हो जाते हैं।

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यह रोबोटिक डक बताती है कैंसर पीडि़त बच्चों के दिल की बात
-कीमोथैरेपी करवा रहे बच्चों के मन की बात चिकित्सक और अभिभावकों तक पहुंचती है
वाशिंगटन डीसी। सावी अब्दुल्लाह 2 साल के थे जब उन्हें ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया) के इलाज के लिए कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ता था। सावी इतना छोटा था कि वह कीमो के दौरान होने वाले दर्द को अपने शब्दों में बयां भी नहीं कर पाते थे। जब भी नया उपचार या दवा शुरू की जाती उसकी तकलीफ पहले से बढ़ जाती लेकिन इसे बताने के लिए उसके पास शब्द नहीं थे। माता-पिता इस बात को अच्छे से जानते थे लेकिन वे भी बेबस उसकी ओर निहारने के अलावा कुछ नहीं कर पाते थे। फिर करीब एक साल पहले राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य संगठन, वाशिंगटन डीसी में सावी के परिवार को एक रोबोटिक साथी मिला जो सावी और बड़ों के बीच भावनाओं के आदान-प्रदान का साथी बना। यह एक बीमा कंपनी की रोबोटिक मशीन थी जो एक बतख की शक्ल में थी। बतख इसा कंपनी का लोगो भी थी। बीमा कंपनी ने रोबोटिक खिलौने बनाने वाली कंपनी स्प्राउटल के साथ साझेदारी में इसे बनाया था। इस सोशल रोबोट का नाम ‘माय स्पेशल एफ्लक डक’ है। इस खिलौना बतख में बहुत संवेदनशील सेंसर लगे हुए हैं जो छूते ही सक्रिय हो जाते हैं। सेंसर्स के सक्रिय होते ही यह इसे छूने वाले व्यक्ति से बाते करने लगती हैं। इसके साथ बच्चे खेल भी सकते हैं लेकिन इस रोबोट बतख ने डॉक्टर के काम को बहुत आसान बना दिया। इस बतख के चार पेटेंट होने बाकी हैं। यह आसानी से अपनी गर्दन, थूथन को मोड़ सकती है और अपनी चोंच को खोलकर आवाज भी निकाल सकती है।

ऐसे काम आती है यह बतख
इलाज के दौरान बच्चों की एक लयबद्ध धड़कन मापने के लिए बतख दिल के धड़कने की आवाज की नकल कर सकती हैं। इससे बच्चा शांत हो जाता है और डॉक्टर आसानी से धड़कनों की जांच कर लेते हैं। ऐसे ही जब बच्चों को इंजेक्शन लगाने या दवा खिलाने की जरुरत होती है तो बतख के साथ खिलौना सीरिंज को आसानी से जोड़ा जा सकता है। इससे बच्चे को यह समझाने में मदद मिलती है कि बतख की तरह उसे भी दवा ,खाने या इंजेक्शन लगावाने की जरुरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुई की चुभन से बच्चे का ध्यान बंटाने में भी बतख कारगर है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य संगठन के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. जो बेयूर का कहना है कि बच्चों के इलाज के दौरान यह बतख चिकित्सक और बच्चों को भावनात्मक सहयोग देती है। इतना ही नहीं यह बच्चों को इलाज की समझ भी देती है।

सालाना 15 हजार कैंसर मरीज
अमरीकन चाइल्डहुड कैंसर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक अमरीका में सालाना १५ हजार से अधिक बच्चों और किशोरों में कैंसर का पता चलता है। बीमा कंपनी अफ्ला देश भर के लगभग 200 अस्पतालों को अब तक चार हजार से अधिक रोबोटिक बत्तख दान की हैं। बतख को बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए एक साथी के रूप में तैयार किया गया है। रोबोट डक में कई प्लास्टिक इमोजी हैं। प्रत्येक इमोजी एक अलग भावना को प्रदर्शित करती है। जब बत्तख की छाती पर उल्टी रखी जाती है तो रोबोट हंसी और उदासी भरी ध्वनि निकालकर भावनाओं को व्यक्त करती है। अब चार साल के हो चुके सावी इस बतख के माध्यम से अपने माता-पिता और डॉक्टर्स को यह बता पाता है कि वह कैसा महसूस कर रहा है।
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