अधिकांश दलाल पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किए गए। आरपीएफ ने रेलवे के आईटी प्रकोष्ठ के साथ की गई कार्रवाई में संदिग्धों की पहचान की और 338 स्थानों पर एक ही समय पर छापा मारा।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि गर्मियों की छुट्टियां होने से इन दिनों काफी भीड़भाड़ है। इसके अलावा उत्तर भारत में शादियों का सीजन होने से यात्रियों की संख्या अधिक है। एेसे में पता चला कि असामाजिक तत्व हमारी सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। अधिक कीमत पर टिकट बेच रहे हैं। इस पर आरपीएफ ने गुप्त रूप से पूरी तफ्तीश की। पूरी तैयारियों के बाद गुरुवार को एकसाथ छापेमारी कर ऑपरेशन थंडर के तहत 205 शहरों में 387 दलालों को गिरफ्तार किया।
जब्त टिकटों पर यात्रा की जानी थी। कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि दलालों ने टिकटों की अवैध बिक्री कर 3,79,02,803 रुपए का कारोबार किया। कोलकाता से 51 दलाल पकड़े। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 41 मामले सामने आए। कोटा से जब्त रेड मिर्ची अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल आईआरसीटीसी की तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली से जोड़कर किया जाता है। ये टिकट जिन 387 यूजर आईडी से बुक की गई थी, उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। इन सभी टिकटों को अमान्य कर दिया है। उन्होंने बताया कि छापेमारी जारी रखी जाएगी।