आरपीएससी की ओर से 22 सितंबर से आठ अक्टूबर तक कॉलेज व्याख्याता परीक्षा का आयोजन किया गया है। 29 सितंबर को राजनीति शास्त्र विषय की परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में 17 हजार परीक्षार्थियों में से पांच हजार ने भाग लिया था। अभ्यर्थियों के अनुसार राजनीति शास्त्र का प्रथम और द्वितीय पेपर हुआ। पहले पेपर में 57 और दूसरे पेपर में 91 प्रश्न एक ही गाइड से आए हैं। पेपर में कई प्रश्न ऐसे हैं, जो हूबहू शामिल कर लिए गए।
पुराने मामलों में हाईकोर्ट दे चुका है आदेश
एक ही गाइड से प्रश्न आने का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी कई भर्तियों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जो हाईकोर्ट तक पहुंचे हैं। कोर्ट ने इन प्रकरणों पर फैसला भी सुनाया है। इससे पहले कॉलेज व्याख्याता भर्ती में हिंदी, पंजाबी और उर्दू विषय के पेपर भी एक ही गाइड से आए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने पेपर सेटर को ब्लैक लिस्ट करने और जुर्माना लगाने का आदेश सुनाया था।
ऐसे मामले सामने आए
कॉलेज व्याख्याता हिंदी के पेपर में 100 में से 52 प्रश्न एक गाइड से आए
मेडिकल ऑफिसर डेंटल भर्ती के पेपर में 84 प्रश्न गाइड से आए
मेडिकल ऑफिसर होम्योपैथिक भर्ती के पेपर में 59 प्रश्न आ चुके
कॉलेज व्याख्याता उर्दू विषय के पेपर में 150 में से 140 प्रश्न आ चुके
यदि एक ही गाइड से प्रश्न आ रहे हैं तो पारदर्शिता पर सवाल है। ऐसे ही कई पुराने मामलों में परीक्षा पुन: हुई है। इससे पेपर सेटर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले उर्दू, पंजाबी और हिंदी विषय के पेपर में यही गड़बडिय़ां सामने आई हैं। सरकार ने परीक्षा निरस्त की हैं।
रामप्रताप सैनी, अधिवक्ता हाईकोर्ट
राजनीति शास्त्र विषय के पेपर में एक ही गाइड से 148 प्रश्न आए हैं। यह मामला गंभीर है।
आरपीएससी को इसके लिए गाइडलाइन तय करनी होगी। अगर पेपर सेटर दोषी साबित होते हैं तो आयोग को उन्हें ब्लैकलिस्ट करना चाहिए। जुर्माना लगाना चाहिए ताकि भर्तियां अटकें नहीं। वित्तीय भार नहीं पड़े।
मोहन लाल, अभ्यर्थी
लगातार आरपीएससी की साख गिरती जा रही है। आरपीएससी सवालों के घेरे में है। सरकार को भर्ती प्रक्रिया निष्पक्षता के साथ करवानी चाहिए और इस मामले की निष्पक्ष उचित स्तरीय एजेंसी से जांच करवानी चाहिए, जिससे योग्य बेरोजगारों के साथ न्याय हो सके।
उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
यह मामला जानकारी में नहीं है। यह पूरी तरह से आयोग स्तर का मामला है। जांच करवाएंगे।
शुभम चौधरी, सचिव आरपीएससी