आरआरटीएस कॉरिडोर निर्माण प्रारंभ होने से पहले, कॉरिडोर के रास्ते में रुकावट पैदा करने वाली ईएचटी और डिस्ट्रिब्यूशन लाइनों को शिफ्ट या मॉडिफाइ किया जाता है, ताकि कॉरिडोर का सिविल निर्माण कार्य शुरू होने के समय ऐसी ईएचटी और डिस्ट्रिब्यूशन लाइनें रुकावट पैदा न करें। इन लाइनों को कॉरिडोर के रास्ते से हटाने के बाद सिविल निर्माण कार्य शुरू किया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली-एसएनबी कॉरिडोर को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद एनसीआरटीसी इस पर काम प्रारम्भ के लिए पूरी तरह तैयार है। इस कॉरिडोर के दिल्ली का पूरा सेक्शन अंडरग्राउंड होगा और गुरुग्राम में यह कॉरिडोर आईडीपीएल पर एलिवेटेड हो जाएगा। आईडीपीएल से एसएनबी तक 2 स्टेशनों को छोड़कर पूरा सेक्शन एलिवेटेड होगा।
गुरुग्राम से एसएनबी की लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा
कॉरिडोर के तहत गुरुग्राम से एसएनबी तक के 70 किमी एलिवेटेड सैक्शन तक डिस्ट्रिब्यूशन लाइंस को भी शिफ्ट किया जाना है। पूरे एलिवेटेड कॉरिडोर के साथ साथ चलने वाली डिस्ट्रिब्यूशन लाइंस को पूरी तरह से अंडरग्राउंड कर दिया जाएगा। वर्तमान में ये सभी लाइनें ओवरहेड हैं। एनसीआरटीसी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को अंडरग्राउंड करने का यह कार्य 4 चरणों में कर रहा है। पहले पैकेज का काम पूरा हो गया है, जिसके तहत आईडीपीएल (गुरुग्राम) से राजीव चौक (गुरुग्राम) तक के सभी डिस्ट्रिब्यूशन लाइन को अंडरग्राउंड कर दिया गया है।